नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब देश के लिए काम करने और कुछ नया करने की भावना पैदा होती है, तो वही सबसे बड़ी प्रेरणा बन जाती है। पीएम मोदी ने यह बात कल सूरत में भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के बाद प्रोजेक्ट टीम से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने इस टीम के काम की तुलना भारत की पहली स्पेस मिशन टीम से करते हुए कहा कि जिस तरह देश के वैज्ञानिकों ने पहला उपग्रह लॉन्च किया था और आज भारत सैकड़ों सैटेलाइट्स लॉन्च कर रहा है, उसी भावना से यह बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट भी आगे बढ़ रहा है।
प्रोजेक्ट की प्रगति पर सीधे सवाल—टीम ने कहा: काम बिना किसी बाधा के आगे बढ़ रहा है
पीएम मोदी ने प्रोजेक्ट की रफ्तार, टाइमलाइन और टारगेट्स पर विस्तृत जानकारी ली। टीम ने उन्हें बताया कि पूरा काम योजना के अनुसार तेजी से आगे बढ़ रहा है और किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है।
‘ब्लू बुक’ बनाने का सुझाव—देश को बड़े पैमाने पर बुलेट ट्रेन नेटवर्क मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में जो अनुभव मिला है, अगर उसे ब्लू बुक की तरह दर्ज किया जाए तो भारत बड़े पैमाने पर बुलेट ट्रेन नेटवर्क की ओर निर्णायक कदम बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि देश को बार-बार प्रयोग करने की बजाय मौजूदा मॉडल से मिली सीख को दोहराना चाहिए। लेकिन यह दोहराव तभी सार्थक होगा जब हर निर्णय की वजह को अच्छी तरह समझा जाए, वरना बिना उद्देश्य के नकल करने से फायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी डॉक्यूमेंटेशन भविष्य के छात्रों और इंजीनियरों के लिए उपयोगी होगी और राष्ट्र-निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगी।
केरल की महिला इंजीनियर ने साझा किया अनुभव—‘देश की पहली बुलेट ट्रेन बनाना गर्व का पल’
केरल की एक इंजीनियर ने नवसारी, गुजरात में नॉइज़ बैरियर फैक्ट्री में अपने अनुभव साझा किए, जहां रॉबोटिक यूनिट्स से वेल्डिंग का काम किया जा रहा है। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन बनाने का अनुभव उन्हें कैसा लग रहा है और वह अपने परिवार से क्या साझा करती हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए ड्रीम प्रोजेक्ट है और उनका परिवार भी इस ऐतिहासिक काम को लेकर बेहद गर्व महसूस करता है।
बेंगलुरु की इंजीनियर श्रुति ने बताया—हर स्टेज पर सख्त इंजीनियरिंग कंट्रोल
इसी दौरान बेंगलुरु की श्रुति, जो लीड इंजीनियरिंग मैनेजर, हैं, उन्होंने बताया कि डिजाइन से लेकर फील्ड एग्जिक्यूशन तक हर चरण पर कड़े इंजीनियरिंग चेक, समाधान ढूंढने और वैकल्पिक तरीकों पर काम किया जाता है ताकि प्रोजेक्ट बिना किसी गलती के पूरा हो सके।
कर्मचारी ने कविता सुनाई, पीएम मोदी ने सराहा समर्पण
एक कर्मचारी ने अपने अनुभव को कविता के रूप में प्रधानमंत्री के सामने रखा, जिस पर पीएम मोदी ने उनकी लगन की सराहना की और उनकी प्रतिबद्धता को सलाम किया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी रहे मौजूद
प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे।
