नई दिल्ली: देशभर में बढ़ती टमाटरों की कीमतों ने केन्द्र और राज्य सरकार दोनों की परेशानी बढ़ा दी है. राजस्थान में अगले चार माह में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में महंगाई मुद्दा न बने इसलिए केंद्र सरकार ने टमाटर सस्ती दरों पर बेचने शुरू कर दिए हैं. शुरुआत आज जयपुर और कोटा से हो गई.

जयपुर में केन्द्रीय एजेंसी राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी (NCCF) संघ 10 वैन लगाकर 80 रुपए किलोग्राम के रेट पर टमाटर बेच रहा है. एक बार में एक व्यक्ति सिर्फ दो किलो टमाटर ही ले सकेगा.
अब केंद्र सरकार ने जयपुर, कोटा में टमाटर को सस्ती दरों पर बेचने के लिए काउंटर लगाए हैं. जयपुर में 6 जगह और कोटा में 5 जगहों पर काउंटर लगाए जा रहे हैं. बाजार में वर्तमान में टमाटर के दाम 150 रुपए किलोग्राम से ज्यादा चल रहे हैं.
इन जगहों पर जयपुर में लगाए काउंटर
NCCF की ओर से आज सहकार मार्ग पर नेहरू सहकार भवन, लालकोठी सब्जी मंडी के पास, शासन सचिवालय के पास, महेश नगर में रेजिडेंशियल मार्केट के पास, वीकेआई इंडस्ट्रियल एरिया और विद्याधर नगर के मुख्य बाजार में ये काउंटर लगाए गए हैं. इसी तरह कोटा में विज्ञान नगर, तलवंडी केशुपुरा, डीसीएम रोड, गोवारिया वावारी, चंबल गार्डन के पास सस्ते टमाटर बेचे जा रहे हैं.
एनसीसीएफ राजस्थान के रीजनल मैनेजर हर्षवर्धन ने बताया- NCCF की ओर से आज जयपुर और कोटा में दोनों जगह रोजाना 25 टन टमाटर बेचने का टारगेट है. जो सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक बेचे जाएंगे. हर्षवर्धन ने बताया कि राजस्थान में टमाटर की कीमत बढ़ने का मुख्य कारण मानसून की बारिश है. बारिश के कारण टमाटर की आवक नहीं हो रही.
मानसून में टमाटर के उत्पादन में कमी से बढ़ती हैं कीमतें
अलग-अलग क्षेत्रों में मौसम के हिसाब से उत्पादन की मात्रा कम-ज्यादा रहती है. देश के ज्यादातर क्षेत्रों में टमाटर का ज्यादा उत्पादन दिसंबर से फरवरी के बीच होता है. जुलाई-अगस्त और अक्टूबर-नवंबर में टमाटर का उत्पादन कम होता है. जुलाई में मानसून शुरू होने से टमाटर के उत्पादन में कमी आती है और कीमतें बढ़ जाती हैं.
भारत में साल 2021-22 में 2 करोड़ टन से ज्यादा टमाटर का उत्पादन हुआ था. यहां मुख्य तौर पर दो तरह के टमाटर उगाए जाते हैं. हाइब्रिड और लोकल. मध्य प्रदेश देश में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है. इसके बाद सर्वाधिक टमाटर उगाने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात का नंबर है.