चंबा. छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय किक बाक्सिंग प्रतियोगिता में चंबा जिले के सिमरनजीत सिंह ने स्वर्ण पदक हासिल किया है. यह पदक हासिल कर सिमरनजीत सिंह ने सिर्फ़ हिमाचल प्रदेश का नाम ही नहीं रोशन किया है बल्कि चंबा जिले को भी एक नई पहचान दिलाई है.
बचपन से किक बाक्सिंग का शौक दिल में पाले सिमरनजीत सिंह ने छतीसगढ़ के रायपुर में स्थित सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में आयोजित राष्ट्र स्तरीय किक बाक्सिंग प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए यह स्वर्ण पदक हासिल किया है.
हंगरी में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
सिमरनजीत ने 65 किलोग्राम वर्ग में खेलते हुए अपने प्रतिद्धंदियों को पछाड़ कर स्वर्ण पदक हासिल किया था. इसके बाद सिमरन को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा गोल्ड मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया था.
अब सिमरनजीत नवम्बर माह में हंगरी में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय किक बाक्सिंग प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. सिमरन के पिता हिमाचल ग्रामीण बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं.
स्वर्ण पदक हासिल कर चंबा वापस लौटे किक बाक्सर सिमरनजीत सिंह ने बताया कि फाइनल मैच में उन्होंने महाराष्ट्र के बाक्सर के साथ मैच खेला तथा राष्ट्र स्तर का यह खिताब हासिल किया. अब वह हंगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
यू ट्यूब से लिया बॉक्सिंग का प्रशिक्षण
उनके अनुसार बाक्सिंग का प्रशिक्षण उन्होंने इंटरनेट से हासिल किया है तथा उन्होंने अनडिस्पयूटिड मूवी देखी तथा यू ट्यूब पर माइक टाइसन से बाक्सिंग के गुर सीखे और आगे तैयारी की जिसके बाद आज यह सफलता उन्हें मिली है.
सबसे पहले उन्होंने चंबा के मंजरी गार्डन में पंचिंग बैग लगाकर प्रशिक्षण शुरू किया तथा इसके बाद रोजाना पांच से छह घंटे तैयारी करते हैं. उनके अनुसार किक बाक्सिंग काफी लोकप्रिय खेल है तथा आत्मरक्षा के लिए यह काफी अच्छा है. अब 2020 में होने वाली आलंपिक खेलों में भी यह खेल शामिल होने वाला है.
सिमरनजीत को इस बात का मलाल है कि सरकारें किक बाक्सिंग के प्रोत्साहन के लिए अभी कुछ खास नही कर पाई हैं. उनके अनुसार उनकी इच्छा है कि सरकार चंबा में किक बाक्सिंग के लिए एक रिंग दे तथा अच्छा कोच प्रदान किया जाए, ताकि चंबा के और युवा भी इस खेल में निपुण होकर आगे जाएं तथा अपने चंबा जिले व देश का नाम रोशन करें.