नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के दुर्गम सराज क्षेत्र में Cloudburst और landslide के बाद हालात काफी गंभीर हो गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित Piyala Deji गांव में NDRF (National Disaster Response Force) की टीम पहुंची और 65 लोगों को सुरक्षित निकाला गया। Heavy rainfall और flooded roads के चलते राहत कार्यों में काफी चुनौती आई, लेकिन जिला प्रशासन और राहत एजेंसियों के समन्वय से ऑपरेशन सफल रहा।
प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए rescue operations शुक्रवार सुबह से तेज कर दिए गए। थुनाग से करीब 9 किलोमीटर दूर स्थित इन गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने में भी काफी मेहनत लग रही है। DC Apoorva Devgan ने बताया कि बचाए गए लोगों को प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं।
55 से ज्यादा लोग अब भी लापता
Mandi District Disaster में अब तक 16 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 55 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। लगभग 280 सड़कों पर यातायात पूरी तरह बंद है, और 784 से ज्यादा जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी में सबसे ज्यादा, यानी 156 सड़कें बंद हैं।
Jogindernagar region में landslide alert के बाद 15 परिवारों के 47 सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। पहाड़ियों से लगातार गिरते पत्थरों ने लोगों को डर के साये में जीने पर मजबूर कर दिया है। पंचायत स्तर पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।
500 से अधिक राशन किट वितरित
Relief materials जैसे राशन, रसोई गैस, और डीजल को मजदूरों की मदद से पीठ पर लादकर पहाड़ी क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। थुनाग और बगस्याड में 500 से अधिक राशन किट वितरित की गई हैं, जिनमें आवश्यक सामान जैसे आटा, चावल, दाल, चाय, मसाले, तेल आदि शामिल हैं।
बगस्याद राहत शिविर में भी लगभग 80 लोगों के रहने, खान-पान और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने कहा कि मानसून आपदा प्रबंधन में सभी संबंधित लोगों, स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों का योगदान शामिल है। करसोग से शंकर देहरा रोड को भी सीमेंट के लिए बहाल किया गया है। हालाँकि पंडोह में राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी चट्टान गिरने और भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बंद है।