शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र का आज तीसरा दिन है. आज मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू सदन में हिमाचल का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इसके अलावा विधानसभा में दो विधेयक भी पारित किए गए. सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई. इस दौरान विभिन्न मसलों पर सत्तापक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक देखने को मिली.
वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलेगा कि चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश ने कितनी तरक्की की. प्रति व्यक्ति आय में कितना इजाफा हुआ. विकास दर कितनी रही और आगामी वित्त वर्ष में विकास दर कितनी रहेगी.
आज प्राइवेट मेंबर डे है
इसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल सदन में कैग (भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक) की रिपोर्ट को टेबल करेंगे. यह रिपोर्ट सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर आधारित होगी. सदन में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पावर प्रोजेक्ट पर सैस लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. इस पर चर्चा के उपरांत विधेयक को पास किया जाएगा. आज प्राइवेट मेंबर डे है. इसमें चार सदस्यों के संकल्प चर्चा के लिए सदन में रखे जाएंगे.
4 सदस्यों के संकल्प चर्चा के लिए सदन में रखे जाएंगे
- पहला संकल्प घुमारवी के कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी द्वारा लाया गया है. इसमें उन्होंने बिना FCA-FRA के बनी सड़कें और भवन को एकमुश्त रेगुलर करने के पॉलिसी बनाने के लिए संकप्ल लाया है.
- दूसरा संकल्प बीजेपी एमएलए विपिन परमार का है. परमार पावर प्रोजेक्ट में हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ाने और लाभांश एग्रीमेंट की अनुपालना नहीं होने से स्टेट को हो रहे आर्थिक नुकसान से बचने के लिए नीति बनाने की मांग करेंगे.
- तीसरा संकल्प पांवटा साहिब के BJP विधायक सुखराम चौधरी का है. इसमें वह बेसहारा पशुओं से फसलों को हो रहे नुकसान के बारे में सदन में नीति बनाने की मांग करेंगे.
- चौथा संकल्प भाजपा के झंडुता से विधायक जेआर कटवाल का है, इसमें वह भारतीय प्रजातंत्र व कल्याणकारी राज्य में नीहित चिन्हित संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सुदृड़ करने तथा विषमताओं के निवारण के लिए नीति बनाने की मांग सदन में रखेंगे.
तीसरे दिन भी हंगामे के आसार
विधानसभा के बजट सत्र के दो दिन में भाजपा ने लगातार नियम-67 के तहत चर्चा के नोटिस दिए. इस दौरान भाजपा ने विधायक क्षेत्रीय विकास निधि और संस्थान बंद करने को लेकर सरकार को घेरा है. सदन में गतिरोध बना हुआ है. भाजपा के सदस्यों ने दोनों दिन वाकआउट किया है. भाजपा सदस्यों का कहना है कि सरकार को संस्थान बाद करने के आदेश वापिस लेकर उका रिव्यू करना चाहिए.