शिमला. हिमाचल किसान सभा ने कोटी कॉलेज के भवन एवं परिसर के लिए वन भूमि के हस्तान्तरण की मंजूरी मिल गई है. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय (उत्तर-मध्य क्षेत्र) देहरादून से 11 दिसम्बर को अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) हिमाचल प्रदेष सरकार को पत्र लिखकर भूमि के हस्तांतरण की मंजूरी की सूचना प्रेषित कर दी गई है. जिसकी एक प्रति नोडल अधिकरी एवं मुख्य वन संरक्षक (एफ.सी.ए) हिमाचल प्रदेश को भी भेज दी गई है.
नये साल का तौहफा करार दिया
मंजूरी की सूचना मिलने पर किसान सभा अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने खुशी जाहिर करते हुए कोटी सहित इसके आसपास की पंचायतों के बच्चों को बधाई दी है. इसे नये साल का तौहफा करार दिया है. उन्होंने इसे जनता की जीत कहा है. डॉ. तंवरने कहा कि जब तक भवन निर्माण शुरू नहीं हो जाता तब तक जनता का दबाव बना रहना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल किसानसभा और स्थानीय लोगों के लम्बे संघर्ष के बाद ही 2014 में कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में पहला सरकारी डिग्री कॉलेज खुला था. लेकिन अपनी स्थापना के तीन साल बाद भी कॉलेज को अपना भवन नहीं मिल पाया था. लगभग 136 छात्र-छात्राओं की संख्या वाले इस कॉलेज को अभी तक प्राथमिक पाठशाला कोटी के भवन में चलाया जा रहा है.
कॉलेज का भवन बनाने के लिए 1.398 हैक्टेयर वन भूमि का स्थानांतरण शिक्षा विभाग को होना था. वन भूमि के हस्तांतरण के लिए किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में गत 10 जुलाई को एक प्रतिधिमण्डल प्रधान मुख्य अरण्यपाल श्री आर.एस. कंग और जी.एस. गोराया से मिला था. दोनों प्रधान मुख्य अरण्यपलों की ओर से किसानसभा को आश्वासन दिया गया था कि उनकी ओर से इस पर जल्दी की कार्रवाई की जाएगी. सभा के अध्यक्ष डॉ. तंवर पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय से भी लगातार सम्पर्क में थे, ताकि जल्दी ही बच्चों को उनका अपना भवन मिल सके.
छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ेगी
किसान सभा अध्यक्ष का मानना है कि कॉलेज का भवन बनने से कॉलेज में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ेगी और बच्चों सहित अभिभावकों को भी लाभ होगा. उन्होंने कहा कि कोटी में कॉलेज खुलने से पहले यहां के बच्चों को कॉलेज की पढ़ाई के लिए शिमला या सोलन जाना पड़ता था जिसका खर्च हर मां-बाप के लिए वहन करना आसान नहीं था. आर्थिक समस्या और अधिक दूरी के कारण कई बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे थे. कॉलेज खुलने के बाद यहां के बच्चे खासतौर पर लड़कियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला है. भवन निर्माण के बाद बच्चों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि कोटी और इसके आसपास की पंचायतों से कॉलेज में पढ़ने आने वाले बच्चों को अगले वर्ष के उत्तर्राद्ध तक उनका अपना भवन मिल सकेगा.