शिमला. हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही हमीरपुर संसदीय सीट पर BJP के अंदर 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर ‘टेंशन’ शुरू हो गई है. कांग्रेस ने इसी एरिया से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाकर धूमल कैंप के अंदर हलचल मचा दी है. कांग्रेस के इस दांव के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को हमीरपुर से 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ सकता है.
हमीरपुर लोकसभा हलके में 17 विधानसभा सीट आती हैं. इनमें से 5-5 विधानसभा सीटें हमीरपुर और ऊना जिले की है जबकि 4 सीटें बिलासपुर जिले की आती हैं. इसके अलावा कांगड़ा जिले के देहरा उपमंडल की 2 और मंडी जिले की धर्मपुर विधानसभा सीट भी हमीरपुर संसदीय हलके में ही आती है. इन 17 विधानसभा सीटों में से 12 पर इस बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.
हमीरपुर-ऊना से ही निर्णायक लीड लेते रहे अनुराग
लोकसभा चुनाव के दौरान अनुराग ठाकुर को निर्णायक लीड हमीरपुर और ऊना जिलों में ही मिलती रही है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में ऐसा कुछ हो पाएगा. इस विधानसभा चुनाव में हमीरपुर जिले में BJP का वोटबैंक बुरी तरह दरक गया. अनुराग ठाकुर के पुरजोर प्रचार के बावजूद भाजपा जिले की 5 विधानसभा सीटों में से BJP एक भी नहीं जीत पाई.
35 साल पुराना किला भी ढह गया
ऊना जिले की पांच सीटों में से भी भाजपा सिर्फ एक सीट पर जीत पाई. यहां ऊना सदर पर सतपाल सत्ती के अलावा हरोली, गगरेट, चिंतपूर्णी और कुटलैहड़ सीट पर BJP के धुरंधरों को कांग्रेस के अपेक्षाकृत नए चेहरों ने जिस तरह धूल चटाई, वह अनुराग के लिए अच्छे संकेत नहीं माने जा सकते. ऊना जिले की कुटलैहड़ सीट पर तो 35 साल से BJP का परचम लहरा रहा था लेकिन इस बार यह गढ़ भी ढह गया.
अपनी सरकार और विधायकों का मिलता रहा फायदा
हमीरपुर संसदीय हलके में अनुराग ठाकुर को हमेशा राज्य में सत्तारूढ़ BJP सरकार और अपनी पार्टी के विधायकों का साथ मिलता रहा है. पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल के रुतबे की वजह से भी अनुराग ठाकुर को यहां कभी जीतने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. लेकिन अब हमीरपुर नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह जिला है.
जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि 5वीं सीट पर आशीष शर्मा के रूप में निर्दलीय विधायक जीता है. कई दशकों बाद ऐसा हुआ है जब BJP अपने गढ़ कहे जाने वाले इस जिले में एक भी सीट नहीं जीत पाई.
ऊना में मुकेश खड़ी करेंगे मुश्किल
हमीरपुर संसदीय हलके में ही आते पड़ोसी जिले, ऊना से डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश सरकार में नंबर-टू की पोजीशन पर हैं. ऊना जिले की 5 विधानसभा सीटों में से 4 कांग्रेस के पास हैं. जाहिर है इन विधायकों पर डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में मौजूदा लहर को बनाए रखने और अनुराग ठाकुर के सामने उतरने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार को अपने-अपने इलाके से लीड दिलाने का दबाव रहेगा. खुद डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री नहीं चाहेंगे कि उनके जिले से भाजपा उम्मीदवार को ज्यादा वोट मिलें.
गुटबाजी से निपटना भी चुनौती
हमीरपुर लोकसभा सीट से लगातार 4 बार सांसद बन चुके अनुराग ठाकुर के लिए 2024 के चुनाव में पार्टी की भीतरी गुटबाजी से निपटना भी कड़ी चुनौती रहेगी. इस विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच जो खाई पैदा हुई, उसे डेढ़ साल में भर पाना आसान नहीं होगा..
सुक्खू-अग्निहोत्री की इज्ज़त का सवाल
कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री पर भी इस बात का दबाव रहेगा कि उनके जिलों से लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस कैंडिडेट को बढ़त मिले. अगर दोनों नेताओं के जिलों में कांग्रेस को उम्मीद के मुताबिक वोट नहीं मिले तो इसकी सीधी जवाबदेही इन्हीं दोनों नेताओं की मानी चाहिए.