नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर विधानसभा चुनावों में उतरी भारतीय जनता पार्टी के लिए एक बार फिर मोदी मैजिक काम कर गया है और पार्टी ने दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन ली है.
यहीं नहीं, बिना सीएम फेस के मोदी मैजिक के सहारे प्रचंड बहुमत के साथ मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखी है. दो राज्यों में सत्ता गंवाने और मध्य प्रदेश में मौका भुनाने में असफल रही कांग्रेस के लिए राहत की बात यह रही कि वह तेलंगाना में सत्ता हाासिल करने में सफल रही.
चुनाव नतीजे 2023
पांचवें राज्य मिजोरम में वोटों की गिनती सोमवार को की जाएगी. राजस्थान में एक बार फिर हर पांच साल में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी रहा. यहां भाजपा ने 115, सीटें हासिल करते हुए स्पष्ट बहुमत हासिल किया है, जबकि कांग्रेस को 69 और अन्य को सिर्फ 15 सीटें ही मिल पाई हैं.
हार स्वीकार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है. गौर करने वाली बात यह है कि राजस्थान में विधानसभा अध्यक्ष डा. सीपी जोशी हार गए हैं. इसके साथ ही परसादी लाल मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कांग्रेस के 25 में से 17 मंत्री हार गए हैं. हालांकि रेप पर विवादित बयान देने वाले मंत्री शांति धारीवाल जीत गए हैं. चौंकाने वाली बात यह रही कि यहां नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया भी हार गए हैं.
भाजपा ने जिन सात सांसदों को चुनाव लड़ाया था, उनमें से तीन सांसद चुनाव हार गए हैं. इस बार जनता ने फिर सरकार बदली है, लेकिन यह भी संयोग है कि विधानसभा अध्यक्ष समेत नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष दोनों ही हार गए हैं.
उधर, मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों में से 163 सीटों पर जीत हाासिल करते हुए भाजपा ने दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है. कांग्रेस ने 66 सीटें हासिल की हैं. मध्य प्रदेश में सपा, बसपा, आप या निर्दलीयों का खाता तक नहीं खुल पाया है. भाजपा-कांग्रेस के बाद भारत आदिवासी पार्टी एक मात्र ऐसी पार्टी है, जिसके प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर मध्य प्रदेश में एंट्री की. मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और लहार सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डाक्टर गोविंद सिंह हार गए हैं. हालांकि प्रचंड जीत के बावजूद शिवराज सिंह चौहान के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित पांच मंत्री चुनाव हार गए हैं, तो निवास सीट से केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को भी हार का मुंह देखना पड़ा है.
इसी बीच, छत्तीसगढ़ में जीत की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, दो तिहाई सीटों पर भाजपा को बहुमत मिला है.भाजपा को 54 तो, कांग्रेस को 35 ही सीटें मिली हैं. सत्ता हाथ से खिसकने के साथ ही डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित नौ मंत्री चुनाव हार गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हार स्वीकारते हुए राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है.
तेलंगाना में कांग्रेस ने 64 सीटें जीतते हुए बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि मौजूदा सीएम चंद्रशेखर राव की बीआरएस को 39 सीटें ही मिलीं. भाजपा ने यहां 8 सीटें जीती हैं, जबकि ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी सात सीटों पर कब्जा किया है. एक सीट अन्य के खाते में गई है.
खास बात यह रही कि कामारेड्डी सीट से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव भी चुनाव हार गए. उन्हें भाजपा के केवी रमना ने हराया है. इसी सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सीएम के चेहरे रेवंत रेड्डी भी चुनाव लड़ रहे थे. वे तीसरे स्थान पर रहे.
हालांकि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर गजवेल सीट से जीत गए हैं, तो वहीं रेवंत रेड्डी ने कोडांगल सीट से जीत दर्ज की है. यहां भाजपा द्वारा उतारे गए तीन मौजूदा सांसदों को हार का मुंह देखना पड़ा है. बड़ी सीटों की बात करें तो एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरूद्दीन ओवैसी चंद्रयानगुट्टा सीट से चुनाव जरत गए हैं, तो कांग्रेस के जुबली हिल्स से कैंडिडेट पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन चुनाव हार गए हैं।
अशोक गहलोत ने दिया इस्तीफा
राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल कलराज मिश्र को मुख्यमंत्री पद से अपना त्यागपत्र सौंप दिया. राज्यपाल मिश्र ने तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र स्वीकार करते हुए उनसे राज्य में नई सरकार के गठन होने तक कार्य करते रहने का आग्रह किया है.