मंडी. कार बेचने के बाद उपभोक्ता को दस्तावेज देने में देरी करने पर उपभोक्ता फोरम ने कार कंपनी पर जुर्माना लगाया है. फोरम ने कहा है कि कंपनी को उपभोक्ता द्वारा शिकायत दर्ज कराने की तिथि से दस्तावेज जारी करने की तिथि तक हर दिन एक हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. साथ ही उपभोक्ता को दस हजार रुपये का अतिरिक्त हर्जाना और पांच हजार रुपये शिकायत व्यय के रूप में देना होगा.
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजन गुप्ता और सदस्यों विभूती शर्मा व आकाश शर्मा ने रामनगर निवासी भरपूर सिंह पुत्र भूपेन्द्र सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए गुटकर स्थित कार विक्रेता कंपीटेंट आटोमोबाइल लिमिटेड के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया है.
अधिवक्ता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उक्त कार विक्रेता ने मारूती ट्रू वैल्यू के माध्यम से कुल्लू जिला की आनी तहसील के गोहन (दलाश) गांव निवासी मेहर चंद के नाम पर पंजीकृत कार को 26 अगस्त 2013 को 75,000 रुपये में उपभोक्ता को बेचा था. कार बेचते समय विक्रेता ने उपभोक्ता को आश्वासन दिया था कि वाहन के विक्रय संबंधी सभी दस्तावेज, कार का पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) और क्रम-विक्रय शपथपत्र आदि दो-तीन दिनों में दे दिए जाएंगे. मगर उन्हें दस्तावेज नहीं दिए गए.
लंबा समय बीत जाने के बाद उपभोक्ता भरपूर सिंह ने विक्रेता को नोटिस जारी किया. इसके बाद उन्हें विक्रेता की तरफ से पत्र मिला जिसमें कहा गया कि दस्तावेज कार्यालय में रखे हैं. जांच करने पर भरपूर सिंह ने पाया कि वह दस्तावेज किसी और वाहन के थे.
इसके बाद उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई. फोरम ने अपने फैसले में कहा कि रिकार्ड में लाए गए तथ्यों के मुताबिक वाहन को बेचते समय यह मेहर चंद के नाम पर पंजीकृत था. लेकिन विक्रेता की ओर से दस्तावेज मुहैया न करवाने के कारण उपभोक्ता कार को अपने नाम पर पंजीकृत न करवा सका और न ही इसे प्रयोग में ला सका. फोरम ने अपने फैसले में कहा कि दस्तावेज मुहैया न करवाना विक्रेता की सेवाओं में कमी को दर्शाता है. जिसके चलते फोरम ने शिकायत को स्वीकारते हुए विक्रेता को वाहन की आरसी व अन्य दस्तावेज उपभोक्ता के पक्ष में 30 दिनों के भीतर जारी करने के निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता के नाम पर वाहन के पंजीकरण की फीस पहले उपभोक्ता द्वारा अदा की जाएगी. जिसे बाद में विक्रेता के द्वारा उन्हें वापिस लौटाया जाएगा.