कांगड़ा(जयसिंहपुर). एक 78 वर्षीय महिला अपने पुराने थैले से कुछ नोट निकालती है और निकल पड़ती है कुछ कपड़े खरीदने. जयसिंहपुर के बाजार में कपड़े पसंद भी आ जाते हैं. मामला जब बदल जाता है जब महिला पांच सौ के कुछ नोट निकाल कर दुकानदार को देती है वहीं से मंजर बदल जाता है. सारी खुशियां चकनाचूर हो जाती हैं जब दुकानदार कहता है, अरे मां यह नोट अब नहीं चलता. क्या तुम्हें मालूम नहीं… एक अनपढ़ अकेली रहने वाली बुजुर्ग को क्या पता नोटबंदी क्या होती है.
जब दुकानदार ने बुजुर्ग से पूछा कि मां अब इन पैसों का क्या करोगी? तब इस पर वह उन पुराने नोटों को सहेज कर रखते हुए कहती है बेटा कभी न कभी तो यह नोट फिर चल पड़ेंगे. उन्होंने शायद अपने खराब वक्त में काम आने के लिए यह पैसे रखे होंगे. नोटबंदी ने इसी तरह से कई बुजुर्गों के मेहनत की कमाई को खाक में मिला दिया है.