शिमला: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश को किसी भी सूरत में ‘नशे की भूमि’ नहीं बनने देंगे. उन्होंने कहा कि यह मेरी प्राथमिकता रहेगी कि प्रदेश को नशा मुक्ति के लिए तैयार किया जाए और हर स्तर पर सबके सहयोग से इस अभियान को सफल बनाया जाएगा. राज्यपाल ने नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी को लेकर राजभवन में आयोजित हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही.
देवभूमि को नहीं बनने देंगे नशे की भूमिः राज्यपाल
उन्होंने कहा कि राज्यपाल बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जब उनकी भेंट हुई, उन्होंने भी नशे के खिलाफ कार्य करने की उनसे बात कही. उन्होंने देवभूमि से नशामुक्ति की अपेक्षा की है, जिसके लिए हम सबको ईमानदारी से प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि राज्य पुलिस विभाग द्वारा मादक पदार्थों के सेवन, उसके भयावह परिणामों तथा उनकी अवैध तस्करी के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक तौर पर कार्य किया जा रहा है.
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन के लिए भी जाना जाता है. पर्यटन से अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनती है. लेकिन, पर्यटन की आड़ में प्रदेश को नशे की भूमि नहीं बनने दिया जा सकता. उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से ही रास्ता निकल सकता है. उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार नशाखोरी की प्रवृति तथा इससे उत्पन्न होने वाली सभी प्रकार की समस्याओं से निपटने के प्रति संवेदनशील एवं जागरूक है तथा इसको जड़ से उखाड़ने के लिए प्रयासरत है. इस सम्बन्ध में पड़ोसी राज्यों की सरकारों के साथ स्थापित संवाद अत्यन्त लाभकारी साबित हो सकते हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसा शांति प्रिय राज्य जिसे देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है, में मादक पदार्थों का सेवन प्रमुख मुद्दा बन गया है. जबकि देवभूमि में नशे के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
राजपाल ने सिंथेटिक ड्रग्स और चिट्टे इत्यादि से युवाओं को बचाने की अपील की
उन्होंने कहा कि नशे का अवैध धंधा अब एक संगठित अपराध की तरह फैल रहा है, जिसके लिए पुलिस को सीमावर्ती क्षेत्रों में अधिक सतर्कता और निरंतर प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने विशेष तौर पर सिंथेटिक ड्रग्स और चिट्टे इत्यादि से युवाओं को बचाने की अपील की.
‘प्रधाव’ अभियान के तहत सुझाए गए समाधानों को जारी किया
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हिमाचल प्रदेश में नशे के खात्मे के लिए राज्य सी.आई.डी. का खास अभियान ‘प्रधाव’ भी आरम्भ किया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास नशामुक्त हिमाचल अभियान में कारगर सिद्ध हो सकते हैं. इस अवसर पर उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा आरंभ किए गए ‘प्रधाव’ अभियान के तहत सुझाए गए पांच समाधानों को भी जारी किया.
इससे पूर्व, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने इस महत्वपूर्ण बैठक के आयोजन के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन से पुलिस बल को भी नई ऊर्जा मिलेगी और इस गंभीर विषय के समाधान में नई दिशा मिलेगी.