नई दिल्ली. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद कैंपस में भड़की हिंसा और देश के विभिन्न स्थानों पर छात्राओं के समर्थन में किए जा रहे प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मुद्दे पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात-चीत की है.
वहीं, यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि मुख्य सचिव की अगुवाई में जांच दल का गठन किया गया है. बीएचयू में छेड़-छाड़ के विरोध में शुक्रवार की सुबह से छात्राएं प्रदर्शन कर रही हैं. छात्राओं पर हिंसा के विरोध में राजनीतिक दलों के साथ ही विभिन्न सिविल सोसाइटी समूहों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने छात्राओं पर लाठीचार्ज के विरोध में कहा है कि यौन हिंसा और भेदभाव के आरोप पर विवि आंख नहीं मूंद सकता है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना छात्राओं का अधिकार है. घटना के विरोध में सोमवार को विभिन्न छात्र संगठनों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया जिसमें आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ जैसे छात्र संगठनोंं के अलावे विभिन्न महिला संगठनों एपवा, एडवा के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.
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इसके साथ ही आरएसएस से जुड़े छात्र संघ, एबीवीपी ने भी दिल्ली स्थित मानव संंसाधन विकास विभाग के कार्यालय शास्त्री भवन पर प्रदर्शन किया. एबीवीपी ने शनिवार की रात छात्राओं पर लाठीचार्ज की तथ्यात्मक जांच की मांग की है.
घटना के बाद डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने बीएचयू प्रशासन को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही बीएचयू में तैनात सुरक्षाकर्मियों को 48 घंटे के भीतर खाकी और हरे वर्दी बदलने के आदेश दिए गए हैं. डीएम ने भेजे गए पत्र में कहा है कि ‘विशाखा’ प्रकरण तथा सुप्रीम कोर्ट के अनुसार समिति बनाई जाए एवं इनमें छात्राओं का भी प्रतिनिधित्व भी हो. अब विश्विद्यालय प्रशासन को समिति के सुक्षाव पर कार्यवाही करनी होगी. डीएम ने विश्वविद्यालय परिसर के सभी प्रवेश व निकास द्वार, छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे तुरंत लगाने को कहा है.