नई दिल्ली. 1 जुलाई 2025 को Digital India के 10 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विस्तृत ब्लॉग के जरिए भारत की डिजिटल क्रांति की कहानी को साझा किया। उन्होंने न सिर्फ इस बदलाव के पीछे की सोच को सामने रखा, बल्कि इस बात पर भी ज़ोर दिया कि कैसे Technology for Empowerment का मॉडल भारत को आगे ले जा रहा है।
डिजिटल इंडिया की शुरुआत: एक सपना जो साकार हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, “10 साल पहले जब हमने Digital India Mission शुरू किया, तो कई लोगों को शक था कि भारत जैसी विशाल आबादी वाले देश में टेक्नोलॉजी सभी तक पहुंच पाएगी या नहीं।” लेकिन आज नतीजे खुद सबूत हैं। 2014 में जहां इंटरनेट यूजर्स सिर्फ 25 करोड़ थे, आज ये आंकड़ा 97 करोड़ पार कर चुका है।
डिजिटल डिवाइड को किया खत्म
एक समय पर ऐसा माना जाता था कि टेक्नोलॉजी अमीर-गरीब के बीच की खाई को और बढ़ा देगी, लेकिन पीएम मोदी ने कहा, “हमने उस सोच को बदला और Technology को एक equaliser बनाया।” भारत में अब तक 42 लाख किलोमीटर से ज्यादा फाइबर नेटवर्क बिछाया गया है — जो पृथ्वी से चंद्रमा तक की दूरी का 11 गुना है। भारत का 5G rollout दुनिया में सबसे तेज रहा है, जिसमें सिर्फ 2 साल में 4.81 लाख बेस स्टेशन लगाए गए हैं — वो भी लद्दाख और सियाचिन जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में।
डिजिटल भुगतान और लाभ ट्रांसफर ने बदली तस्वीर
UPI Transactions अब हर साल 100 अरब से ज़्यादा हो चुके हैं। Direct Benefit Transfer (DBT) से अब तक ₹44 लाख करोड़ से ज्यादा सीधे नागरिकों तक पहुंचाए गए हैं, जिससे ₹3.48 लाख करोड़ की बचत हुई है। Swamitva Scheme के तहत 2.4 करोड़ प्रॉपर्टी कार्ड जारी हुए हैं और 6.47 लाख गांवों का डिजिटल मैप तैयार हो चुका है।
ONDC और GeM से एमएसएमई को मिला बूस्ट
भारत की Digital Economy अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रही। ONDC (Open Network for Digital Commerce) और GeM (Government eMarketplace) जैसे प्लेटफॉर्म से छोटे कारोबारियों को भी राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच मिली है। ONDC ने हाल ही में 20 करोड़ ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार किया। GeM पर सिर्फ 50 दिनों में ₹1 लाख करोड़ का GMV हुआ। प्लेटफॉर्म पर 22 लाख से ज्यादा Sellers हैं, जिनमें 1.8 लाख महिला उद्यमी शामिल हैं।
India Stack और DPI का ग्लोबल इम्पैक्ट
प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत का Digital Public Infrastructure (DPI) अब पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गया है: CoWIN ने 220 करोड़ वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट QR-verifiable तरीके से जारी किए। DigiLocker में अब तक 775 करोड़ दस्तावेज़ अपलोड हो चुके हैं। भारत ने G20 की अध्यक्षता के दौरान Global DPI Repository और $25 मिलियन का Social Impact Fund लॉन्च किया है।
भारत बना है टेक्नोलॉजी का ग्लोबल हब
Startup India Mission के तहत अब भारत में 1.8 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स हैं। भारत AI मिशन के तहत ₹1.2 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। भारत अब सबसे सस्ती कंप्यूटिंग डेस्टिनेशन बन गया है, जहां GPU usage की कीमत $1/hour से भी कम है।
टेक्नोलॉजी जो एकजुट करे, सशक्त बनाए
प्रधानमंत्री ने कहा, “Digital India अब सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है। ये आत्मनिर्भर भारत का आधार है।” उन्होंने युवा इनोवेटर्स और एंटरप्रेन्योर्स से अपील की: आइए हम वो बनाएं जो सशक्त करे, वो हल निकालें जो मायने रखता है, और वो टेक्नोलॉजी विकसित करें जो सबको जोड़े और आगे बढ़ाए।