सोलन. अस्पताल में वैसे तो लोग अपना इलाज करवाने जाते हैं, लेकिन सोलन अस्पताल में इलाज नहीं बल्कि आए दिन हंगामे हो रहे हैं. रोगी को अपनी बीमारी के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्थाओं से भी दो-चार होना पड़ रहा है.
अस्पताल को बंद करने की मांग उठाई
आज इमरजेंसी में महिला घायल अवस्था में आई तो महिला को इमरजेंसी में चिकित्सक ने देखने से मना कर दिया. उसे अस्पताल की ओपीडी में भेज दिया. ओपीडी में पहले ही रोगियों की लंबी कतार थी. चिकित्सक भी अपने केबिन में नहीं थे. महिला का दर्द बढ़ता जा रहा था. जिसके चलते महिला के पति का सब्र टूट गया और उसने वहां खड़े और मरीजों को इकट्ठा कर वहां हंगामा कर दिया. अस्पताल को बंद करने की मांग उठा दी. जब इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को पहुंची तो उन्होंने आननफानन में चिकित्सक को भेजा और मामले को शांत करवाया.
इस बारे में लोगों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि सोलन अस्पताल में वह दूर-दूर से गाड़ी कर इलाज करवाने आ रहे हैं. लेकिन यहां चिकित्सक न मिलने से वह बेहद हताश हैं. अस्पताल में भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है. लोगों के टेस्ट निजी लैब्स में भेजे जा रहे है. गरीब लोगों को इलाज के नाम पर लूटा जा रहा है. इसलिए अच्छा है कि इस अस्पताल बंद कर इस को निजी हाथों में ही सौंप दिया जाए. ताकि लोगों को समय पर इलाज तो मिल पाए.