हमीरपुर. जिले के पंचायत प्रतिनिधियों के विकास कार्य के रिकार्ड रजिस्टर नहीं बनाए जाने पर जिला प्रशासन ने सख्ती बरतना शुरू कर दी है. डीआरडीए विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियों को दस दिन का अल्टीमेटम देकर जल्द विकास कार्यों का रिकार्ड रजिस्टर बनाने को कहा है और निर्धारित समय के दौरान काम न करने वाले प्रधानों पर कार्रवाई की जाएगी. डीआरडीए अधिकारी हमीरपुर संजीत ठाकुर ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों को दस दिन का समय दिया गया है ताकि पंचायतों के कामों का रिकार्ड बन सके.
हमीरपुर के डीआरडीए भवन में पंचायत सचिवों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।. इसमें मनरेगा व अन्य विभागीय योजनाओं के बारे में पूरा रिकार्ड तैयार करने पर चर्चा की गई. कार्यशाला में पंचायतों से विकास कार्यो के रिकॉर्ड को जब मांगा गया तो अधिकतर पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपने रिकॉर्ड रजिस्टर नहीं बनाने की बात कही. विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विकास कार्यो के लिए विभाग की ओर से जारी किए गए बजट को खर्च करने में भी पंचायतें पीछे रही हैं. इस कारण पंचायतों में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. कई पंचायतों में पैसा होने के बावजूद मनरेगा कार्य ठप पड़े हैं. पंचायतों के इस रवैये को लेकर ग्रामीण विकास अभिकरण विभिन्न ब्लॉकों की कार्यशाला आयोजित कर रहा है.
उपनिदेशक डीआरडीए संजीत ठाकुर ने कहा कि रिकॉर्ड रजिस्टर का निरीक्षण करने के बाद अधिकतर पंचायतों के रिकॉर्ड में त्रुटियां पाई गई हैं. पंचायत सचिवों व प्रतिनिधियों को दस दिन का समय रिकॉर्ड को बनाने व रजिस्टर तैयार करने के लिए दिए गए हैं. पंचायतों के रिकॉर्ड का विभाग की ओर से निरीक्षण किया जा रहा है ताकि विकास कार्यो में तेजी आए और आम जनता को इसका लाभ मिले.