जयपुर: पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की ओर से सत्ता और संगठन को दिए गए अल्टीमेटम की डेडलाइन खत्म होने में अब केवल 8 दिन का समय बचा है, 31 मई को डेडलाइन खत्म होने जा रही है. डेडलाइन की तारीख नजदीक आते ही सियासी गलियारों में पायलट के अगले कदम को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है.
चर्चा इस बात की है कि पायलट पार्टी हाईकमान के किसी आदेश का इंतजार करेंगे या फिर प्रदेश में कोई बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे जिसकी घोषणा वे पूर्व में कर चुके हैं. हालांकि इस मामले में गहलोत-पायलट गुट से जुड़े नेता खुलकर बोलने से बच रहे हैं. इधर पायलट के अल्टीमेटम को लेकर फिलहाल सत्ता और संगठन में कोई खास हलचल नजर नहीं आ रही है.
सरकार से जुड़े सूत्रों की माने तो सचिन पायलट की डिमांड पूरी हों, इसकी भी संभावना कम ही हैं. सरकार की तरफ से लगातार भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई करने दावे किए जाते रहे हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह दिल्ली में शीर्ष नेताओं की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें राजसस्थान सहित कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव, संगठनात्मक नियुक्तियों सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी हैं. माना जा रहा है कि पायलट के मसले पर बैठक में चर्चा हो सकती है. पायलट की पदयात्रा को प्रदेश प्रभारी रंधावा और पीसीसी चीफ डोटासरा निजी यात्रा बताकर पल्ला झाड़ चुके हैं.
समर्थकों को भी अब अगले कदम का इंतजार
अल्टीमेटम की डेडलाइन नजदीक आते ही पायलट समर्थक नेता और कार्यकर्ता वेट एण्ड वॉच की स्थिति में हैं. डेडलाइन खत्म होने के बाद सचिन पायलट के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. इधर शनिवार को जयपुर आए प्रभारी रंधावा ने सुलह के संकेत दिए थे. रंधावा ने कहा था कि वो इस मामले में सचिन पायलट से बात करेंगे.
पायलट ने पदयात्रा के समापन पर वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचारों की जांच करने, आरपीएससी को भंग करने सहित कई अन्य मांगों पर कार्रवाई को लेकर सत्ता और संगठन को 31 मई तक का अल्टीमेटम दिया था.