नई दिल्ली. चुनाव आयोग ने कहा है कि 2018 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक साथ कराने के लिये निर्वाचन आयोग तैयार है. मालूम हो कि भाजपा की सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव को एक साथ कराने की मांग की थी. लेकिन विपक्षी पार्टियां इससे सहमत नहीं थी.
‘ईआरओ नेट सॉफ्टवेयर’ के लांच के सिलसिले में भोपाल आये निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने यहां पर कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को एक साथ कराने के लिये केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग के सामने अपनी मांग रखी थी. आयोग ने इस पर कहा था कि दोनों चुनाव एक साथ कराने के लिये ईवीएम और वीवीपैट की अधिक संख्या में जरूरत पड़ेगी.
आगे उन्होने कहा कि निर्वाचन आयोग लोकसभा एवं विधानसभाओं के चुनावों एक साथ कराने के लिए आवश्यक संसाधन सितंबर 2018 तक जुटाने में सक्षम हो जाएगा.
गुजरात में पहली बार होगा वीवीपैट इस्तेमाल
बता दें कि गुजरात के विधानसभा चुनाव में पहली बार वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जायेगा. रावत ने बताया कि हमने वीवीपैट और ईवीएम मशीन को बनाने के लिये दो सरकारी कंपनियों को आदेश दे दिया है. सितंबर 2018 तक निर्वाचन आयोग को 40 लाख मशीनें मिल जायेंगी.
सात राज्यों में होंगे अगले साल विधानसभा चुनाव
अगले साल 2018 में सात राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल 7 जनवरी को समाप्त हो रहा है. वहीं, गुजरात में विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी को खत्म हो जायेगा. इसी के साथ कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 28 मई, मेघालय विधानसभा का 6 मार्च, मिजोरम विधानसभा का 15 दिसंबर, नागालैंड विधानसभा का 13 मार्च और त्रिपुरा विधानसभा का 14 मार्च को खत्म होगा.