नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर लगाए गए “Match Fixing” के आरोपों ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। गांधी ने Indian Election System की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि चुनाव परिणाम पहले से तय थे और यह लोकतंत्र के खिलाफ सुनियोजित साज़िश का हिस्सा था।
हालांकि, Election Commission of India (ECI) ने इन बयानों को न केवल बेबुनियाद (Baseless) बल्कि कानून के शासन और लोकतांत्रिक संस्थानों का अपमान भी करार दिया है।
राहुल गांधी के आरोप: क्या चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल?
X (formerly Twitter) पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने ECI और सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र चुनाव दरअसल “लोकतंत्र में धांधली” का खाका था। उन्होंने दावा किया कि Fake Voters जोड़े गए Voting Percentage Manipulation हुआ, Bogus Voting को आसान बनाया गया और Evidence छिपाने की कोशिश की गई. राहुल गांधी ने चेताया कि यह पैटर्न अब Bihar Elections और अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है, जहां BJP को कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।
चुनाव आयोग का सख्त रुख: ‘असंवैधानिक और अपमानजनक आरोप’
ECI ने राहुल गांधी के बयानों को “fabricated”, “misleading” और “morale damaging” बताया। आयोग ने कहा कि ऐसे आरोप न सिर्फ लोकतांत्रिक ढांचे की नींव को कमजोर करते हैं बल्कि लाखों Election Workers और Political Party Agents की मेहनत और ईमानदारी पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हैं।”चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाई गई सभी चिंताओं का जवाब दिसंबर 2024 में आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से मौजूद है।
BJP का पलटवार: ‘हार से डरकर लगाए जा रहे आरोप’
Bharatiya Janata Party (BJP) ने राहुल गांधी की टिप्पणी को “हार की बौखलाहट” करार दिया। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी रणनीति रही है—Electoral Defeat का ठीकरा संस्थानों पर फोड़ना।
क्यों उठ रहे हैं लोकतंत्र पर सवाल?
इस पूरे घटनाक्रम ने Indian Electoral Process की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर बहस को फिर से जिंदा कर दिया है। जहां एक ओर विपक्षी दल सरकार पर Election Rigging के आरोप लगा रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग Transparent Voting Process को लेकर बार-बार सफाई दे रहा है।