नई दिल्ली. बीते दिनों बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा साल 10,561 करोड़ रूपये का कारोबार करने की खबर सु्र्खियों में रही. इस दौरान मीडिया में कंपनी के पूर्व सीईओ एसके पात्रा का एक साक्षात्कार सामने आया है. पूर्व सीईओ ने बाबा रामदेव के साथ काम करने के अपने अनुभवों का विवरण देते हुए ‘सेवा कराने’ का आरोप लगाया है.
एसके पात्रा की जुबानी उनकी कहानी कुछ इस तरह है कि पतंजलि आयुर्वेदिक और पतंजलि फूड पार्क दो कंपनियों के लिए वह काम करते थे. ज्वाइनिंग के समय उन्हे दोनों कंपनियों के लिए वेतन देने का वादा किया गया था. लेकिन बाद में यह प्रचारित किया जाने लगा कि पात्रा जी ‘सेवा के लिए’ आये हुए हैं.
पूर्व सीईओ ने अपने साक्षात्कार में कहा “उन्होने(रामदेव) यह प्रचारित करना शुरु कर दिया कि अभी मैं वेतन ले रहा हूं लेकिन बाद में वेतन लेना बंद कर दूंगा. मैं कहता था कि नहींं मुझे मेरा पैसा चाहिए. मेरा परिवार है. मुझे अपने परिवार और रिश्तेदारों को मदद देने के लिए पैसे चाहिए. तब जाकर बाबाजी ने दो कामों में एक काम के लिए पैसे देना शुरु किया.”
पूर्व सीईओ ने रामदेव के बारे में कहा है कि बाबा की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है. पात्रा जिस समय सीईओ बनाये गये थे, उस समय तत्कालीन यूपीए सरकार के साथ बाबा रामदेव के रिश्ते बहुत खराब चल रहे थे. बतौर पात्रा तब कंपनी के पास सरकार लगातार नोटिस भेज रही थी, बैंक ने पैसा देने से मना कर दिया था और अधिकारी कंपनी को बंद करवाने की धमकी दे रहे थे. पात्रा ने कंपनी के टर्नओवर को तीन गुणा से भी अधिक करने में सफलता हासिल की थी.
पात्रा साल 2011-14 के बीच, बाबा रामदेव के दो कंपनियों पतंजलि फूड पार्क और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सीईओ रहे थे. जब पात्रा सीईयो बनाये गए थे तब कंपनी 317 करोड़ का कारोबार कर रही थी, वहीं तीन सालों में कंपनी का कारोबार बढ़कर 2500 करोड़ हो गया था. पात्रा ने आईआईटी खड़गपुर और आईआईएम अहमदाबाद से अपनी पढ़ाई पूरी की है. बाबा रामदेव को ज्वाइन करने से पूहले वह कई सरकारी संस्थानो के महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे.