कांगड़ा(जयसिंहपुर). उपमंडल जयसिंहपुर के अंतर्गत आने वाला प्रसिद्ध बाबा भौडी सिद्ध मन्दिर विकास की आस लगाये बैठा है. हालांकि सत्ता प्राप्त करने के लिए भी नेता लोग आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं जिसमे मौजूदा विधायक यादविंद्र गोमा भी बाबा जी का आशीर्वाद अपने पिता डॉ मिलखी राम गोमा के मार्गदर्शन में हवन करके ले चुके हैं.
विधायक व मुख्यमंत्री की घोषणायें मात्र छलावा
जून 2016 में, विधायक यादवेंद्र गोमा ने बाबा भौडी सिद्ध गुफा मन्दिर में हवन के बाद सराय निर्माण का शिलान्यास किया था। सराय निर्माण हेतु प्रांगण में मौजूद कार्यकर्ताओं तथा लोगों के सामने 1.5 लाख देने की घोषणा की. लेकिन 15 महीने बीत जाने के बाद भी 1.5 लाख रुपये उपलब्ध नहीं करवाए गए. लोगों का कहना है कि विधायक द्वारा की गई घोषणा के पूरा होने की उम्मीद अब किसी को भी नहीं है.
अफसोस की बात है कि सत्ता प्राप्त करने के लिये लोग जिन सिद्ध-पीठों में कामयाबी का आशीर्वाद लेने पहुँचते हैं, सत्ता मिलने के बाद उन्हीं के दरबार में बैठकर झूठी घोषणायें करने से भी गुरेज नहीं करते.
सत्ता के नशे में इंसान कितना बदलता है उसका जीता जागता उदाहरण जनता के सामने ही है. इसी से पता चलता है कि विधायक जी की बाकी घोषणायें कितनी झूठी साबित होंगी. बाबा भौडी सिद्ध मंदिर की विकास सभा के सदस्यों ने बताया कि विधायक के इस कृत्य से ना केवल जयसिंहपुर विधानसभा के लोग दु:खी हैं बल्कि कार्यकर्ताओं में भी रोष है.
गौरतलब है कि साल 2013 में, नव-नियुक्त विधायक का बैहतर राजनीतिक करियर के लिये उनके पिता भूतपूर्व विधायक मिल्खी राम गोमा ने कमेटी से वार्षिक भंडारे में सुपुत्र से हवन करवाने की इच्छा जाहिर की थी और ऐसा किया भी गया. लेकिन अफसोस विधायक बाबा भौडी सिद्ध धार्मिक पर्यटन विकास हेतु 5 वर्ष में कोई योजना ना बना सके. पर्यटन विभाग के अनुरोध पर, कमेटी के प्रयासों से विकास खण्ड लम्बागांव द्वारा मंदिर के विकास हेतु तैयार प्रस्ताव की फाइल भी कमिश्नर शिमला के पर्यटन विभाग से क्लियर नहीं करवा पाये.
सितम्बर 2016 में मुख्यमंत्री के जयसिंहपुर टूर के दौरान भी कमेटी सदस्यों के साथ 100 लोगों का समूह उनसे मिला था. सीएम ने उन्हे इस बाबत आश्वस्त भी किया था. पर्यटन विभाग की तरफ़ से 28 लाख के प्रस्ताव को अप्रूव करने की सहमति भी दी थी लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. इससे सबके विश्वास को ठेस पहुँची है. इसके बाद कमेटी ने बार-बार मुख्यमंत्री से पत्राचार भी किया जिसका कोई जवाब नहीं आया.
लोगों को शंका है कि सीएम तक उनके पत्र पहुँचते भी हैं या नहीं. इस पर भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. बाबा भौडी सिद्ध विकास सभा के सचिव ने बताया- उपरोक्त घटनाक्रम के मद्देनज़र यह कहना गलत ना होगा कि सरकार के धार्मिक पर्यटन विकास के दावे मात्र फाईलों तक ही सीमित रहे हैं, धरातल में उन्होने कुछ नहीं किया है। विधायक की कमजोर इच्छाशक्ति सबसे बड़ा सवाल है. लोगों सीएम से नाराज़ हैं और विधानसभा चुनाव में इन्हें इसका जवाब मिलना तय है।