शिमला: हिमाचल के जिला सिरमौर के एक दिवसीय बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ विस्थापितों का पुनर्वास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि बीते 50 वर्षों के भीतर इस बार प्रदेश में सर्वाधिक त्रासदी हुई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों सतौन, सिरमौरी ताल, अंबोण व नाहन क्षेत्र के कंडईवाला व अन्य क्षेत्रों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों के साथ बातचीत की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश व बाढ़ के कारण जिन लोगों के घर, मकान व जमीन पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, सरकार ऐसे प्रभावित परिवारों का सरकारी जमीन पर पुनर्वास करेगी. मुख्यमंत्री ने इस दौरान बादल फटने की घटना, बाढ़ व भू-स्खलन के कारण प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण कर वहां हुई क्षति का जायजा लिया.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान शिलाई विधानसभा क्षेत्र के अंबोण में बीते दिनों बाढ़ की चपेट में आए 22 मकानों के प्रभावित प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने अपने आशियाने व खेत-खलिहान खो दिए हैं, सरकार उन परिवारों के पुनर्वास को प्राथमिकता देगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में व्यापक नीति बनाई जाएगी.
पांवटा-शिलाई मार्ग पर कच्ची ढांग में बनाया जाएगा पुल
सीएम ने कहा कि पांवटा-शिलाई राज्य राजमार्ग के कच्ची ढांग में एक बड़े पुल का निर्माण किया जाएगा, जिससे राजमार्ग पर बार-बार मलबा गिरने से यातायात बाधित होने की समस्या का स्थायी समाधान सुनिश्चित हो सकेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक सरकारी व निजी संपत्ति को 10 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है.
नाहन विधानसभा क्षेत्र के कंडईवाला में देर शाम प्रभावित क्षेत्र का दौरा करते हुए सीएम सुक्खू ने लोक निर्माण विभाग को तुरंत सड़क के दोनों ओर से मलबा हटाने के निर्देश दिए.
सिरमौर में 372 करोड़ तबाह
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि सिरमौर जिला में प्राकृतिक आपदा से अब तक 372 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. अब तक सिरमौर में 21 लोगों की मौत व 22 लोग घायल हो चुके हैं. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि जिला में 40 मकान मलबे में दबकर तबाह हो गए हैं, जबकि 35 पशुधन की मौत हुई है.