एक तरफ सरकार जहां महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं बनाती हैं. वहीं, दूसरी तरफ महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए अहम सेनेटरी नैपकिन पर जीएसटी के अंतर्गत 12 फीसदी टैक्स लगाया गया है. जबकि जीएसटी लागू होने से पहले 6 फीसदी टैक्स लगाया जाता था. केंद्र सरकार के इस फैसले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार सेनेटरी नैपकिन को या तो जीएसटी से बाहर करे या इस पर कम टैक्स लगाए.
दिल्ली हाईकोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और सी हरी शंकर की डिविजन बेंच ने जरमीना इसरार खान द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता ने कहा था कि केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल का यह फैसला महिलाओं के लिए भेदभाव को और बढाएगा. याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से लगता है कि वह महिलाओं को लेकर संजीदा नहीं है.