नई दिल्ली. प्रदेश में पहली बार चुनाव के दौरान वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है. जिसके बारे में चुनाव आयोग लगातार लोगों तक जानकारी पहुंचा रहा है.
क्या है वीवीपैट
वीवीपैट यानि वोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल. इसमें मतदाता यह सुनिश्चित कर सकेगा कि उसके द्वारा दिया गया वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं. वीवीपैट व्यवस्था के तहत ईवीएम मशीन का नीला बटन दबाने के तुरंत बाद वीवीपैट मशीन से एक कागज की पर्ची निकालती है जिसपर उम्मीदवार का नाम नंबर और चुनाव चिन्ह छपा होता है. यह पर्ची वीवीपैट में लगे शीशे पर 7 सेकेंड तक दिखती है. जिसके बाद मशीन में जमा हो जाती है.
बढ़ेगा विश्वास
यह देखने को मिलता है कि ज्यादातर पार्टियां चुनाव में हार जाने के बाद ईवीएम मशीन पर इल्जाम लगाती हैं. वह ईवीएम को दोष देते हैं कि इसमें गड़बड़ी होने की वजह से वोट सिर्फ एक ही पार्टी को जाता है, लेकिन अब वीवीपैट की मदद से मतदाता यह देखे सकेंगे कि उनका वोट उसी उम्मीदवार को गया है जिसे उन्होंने वोट किया.
दी जा रही जानकारी
प्रदेश में पहली बार वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है.जाहिर सी बात है लोगों में जानकारी का अभाव होगा व असमंजस में भी होगें. यही वजह है कि चुनाव आयोग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है. कर्मचारियों को भी इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है. पोंलिग बूथ से लेकर चौराहों और बस अड्डों तक इसकी जानकारी दी जा रही है.