नई दिल्ली. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. उन्होंने रक्षा बलों में हिमाचल प्रदेश के सैनिकों की शूरवीर सेवाओं को पहचान दिलाने के लिए ‘हिमाचल रेजिमेंट’ की मांग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल के 1200 से अधिक जवानों ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर किया है. उन्होंने कहा कि वीर जवानों को चार परमवीर चक्र सहित 1100 वीरता पुरस्कार प्रदान किए गए हैं.
भर्ती कोटे में बढ़ोतरी करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में कैरियर का सबसे पसंदीदा बड़ा विकल्प है. हालांकि, भर्ती की जाने वाली पुरूष आबादी (आरएमपी) की अवधारणा के कार्यान्वयन के उपरान्त राज्य के लिए भर्ती कोटे को कम कर दिया गया है. उन्होंने इसमें बढ़ौतरी करने का आग्रह किया है.
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नागरिक उड़ानों के संचालन को जारी रखा जाए
मुख्यमंत्री ने एयरफोर्स के लिए कांगड़ा हवाई अड्डे को विकसित करने का भी आग्रह किया और कहा कि हवाई अड्डे के विस्तार से इसका इस्तेमाल लड़ाकू विमानों और भारी विमानों को उतारकर रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. इसकी सीमा से सुरक्षित दूरी तथा रणनीतिक स्थान होने के कारण पठानकोट एयरपोर्ट के लिए सुरक्षा की दूसरी पंक्ति के रूप में एक विकल्प हो सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके लिए 500 एकड़ अतिरिक्त भूमि की अधिग्रहण की आवश्यकता होगी जिसकी लागत को रक्षा मन्त्रालय द्वारा वहन किया जाएगा. उन्होंने यह भी आश्वासन देने का अनुरोध किया कि इस एयरपोर्ट के रक्षा संपत्ति के रूप में विकसित किए जाने के बाद भी नागरिक उड़ानों के संचालन को जारी रखा जाए.
हर संभव सहायता का आश्वासन
जयराम ठाकुर ने रक्षा उपकरणों को धर्मशाला के युद्ध स्मारक में स्थानान्तरित करने के लिए मंत्रालय के समर्थन के लिए भी अनुरोध किया. यह स्मारक बहादुर शहीदों के लिए श्रद्धांजलि के रूप में निर्मित किया गया है. उन्होंने मनाली-लेह रेलवे लाईन के मामले को आगे बढ़ाने के लिए भी आग्रह किया, जो राष्ट्र के लिए सामरिक तथा रक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. श्रीमती निर्मला सीतारमण ने मुख्यमंत्री की मांगों को सुना तथा हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.