शिमला: मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन पर टकोली में लगे टोल प्लाजा से किसानों की दिक्कतें और बढ़ गई है. टोल प्लाजा लगने से स्नोर घाटी के किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. नगवाईं, झीड़ी, पलसेड़, बालू समेत क्षेत्र के सैकड़ों किसानों और बागबानों के फल-सब्जियां टकोली सब्जी मंडी जाती हैं. लेकिन टोल लगने के बाद किसानों की जेब भी ढीली हो रही है.
मंडी में फल-सब्जियां लाने के लिए अदा करना पड़ रहा टोल टैक्स
स्नोर घाटी के व्यावसायिक वाहनों को टोल में मिलने वाली छूट न मिलने के कारण भारी चपत लग रही है. जानकारी के अनुसार जिला में पंजीकृत व्यावसायिक वाहनों को टोल में छूट दी जाती है. लेकिन घाटी के अधिकतर व्यावसायिक वाहन जिला कुल्लू में पंजीकृत हैं. इस कारण यह छूट व्यावसायिक वाहनों को नहीं मिल पा रही है. कुछ किसानों का कहना है कि वाहन के किराए से ज्यादा तो उन्हें टोल देना पड़ रहा है.
व्यावसायिक वाहनों के लिए मांगी छूट
पूर्व जिला परिषद सदस्य व सब्जी मंडी टकोली के आढ़ती कृष्ण पाल शर्मा का कहना है कि टकोली टोल प्लाजा लगने से किसानों को खासी दिक्कत हो रही है. जिस प्रकार निजी वाहनों के पास बनाए जा रहे हैं, उसी तर्ज पर व्यावसायिक वाहनों को भी पास दिए जाएं. इस मुद्दे को वे प्रशासन और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू के समक्ष भी उठाएंगे.
व्यापार मंडल औट के प्रधान विनोद चावला ने भी व्यावसायिक वाहनों को टोल में छूट देने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि टोल लगने से व्यावसायियों को भारी नुक्सान हो रहा है. लोगों ने एनएचआई से मांग की है कि व्यावसायिक वाहन को दी जाने वाले छूट वाहन की आरसी में लिखे पते के हिसाब से दी जाए.