नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच Bilateral Trade Agreement (BTA) को लेकर वार्ताएं निर्णायक दौर में हैं। नई दिल्ली में 4 से 10 जून तक चली हाई-लेवल मीटिंग के बाद संकेत मिले हैं कि दोनों देश जून के अंत तक एक Interim Trade Deal पर सहमत हो सकते हैं। यह डील आने वाले महीनों में संभावित Comprehensive Trade Agreement की नींव रखेगी।
इस बातचीत में अमेरिका की ओर से एक वरिष्ठ व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसकी अगुवाई Deputy US Trade Representative ने की।
किन मुद्दों पर बनी सहमति?
वार्ता में कई संवेदनशील और रणनीतिक क्षेत्रों पर चर्चा हुई, जिनमें से कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
दोनों देशों ने एक-दूसरे के बाजारों तक पहुंच (Market Access) बढ़ाने, tariffs और non-tariff barriers को कम करने और व्यापार में लचीलापन लाने के उपायों पर विचार किया।
अमेरिका ने डिजिटल व्यापार (Digital Trade) पर चिंता जताई, खासकर cross-border data flow restrictions और India’s competition policy को लेकर। अमेरिकी टेक कंपनियां चाहती हैं कि भारत इस क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और लचीलापन दिखाए।
Food safety, agriculture trade और उपभोक्ता सुरक्षा से जुड़े SPS (Sanitary & Phytosanitary) और TBT (Technical Barriers to Trade) जैसे मानकों पर भी व्यापक चर्चा हुई।
Ease of Doing Business को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क प्रक्रियाओं (Custom Procedures) को सरल बनाने और transaction cost को कम करने की दिशा में सुझाव दिए गए।
लंबे समय के लिए stable trade and investment relations सुनिश्चित करने के लिए एक robust legal structure तैयार करने पर भी सहमति बनी।
India’s Strategic Interests: भारत की प्राथमिकताएं
भारत ने अमेरिका से यह आग्रह किया है कि अंतरिम समझौते के तहत उसके घरेलू उत्पादों पर 26% reciprocal tariff को पूरी तरह से समाप्त किया जाए। इसके साथ ही भारत चाहता है कि technology transfer, intellectual property rights और services trade में लचीलापन मिले।
India’s Top Trading Partner: अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा।
Bilateral Trade Volume: $131.84 बिलियन (2024-25)
India’s Export to US: कुल निर्यात का 18%
India’s Import from US: कुल आयात का 6.22%
Total Share in India’s Global Trade: 10.73%
2024-25: India-US Trade Stats में क्या कहते हैं आंकड़े?
इन आंकड़ों से साफ है कि अमेरिका के साथ व्यापार भारत की रणनीतिक आर्थिक नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुका है।
आगे की रणनीति क्या है?
वार्ताकारों का लक्ष्य है कि September-October 2025 तक Comprehensive Trade Agreement को अंतिम रूप दिया जाए। परंतु उससे पहले जून के अंत या 9 जुलाई से पहले Interim Trade Pact को लागू करने की योजना है, क्योंकि तब तक अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए suspended tariffs की समय-सीमा समाप्त हो रही है।
क्या यह डील भारत के लिए Game-Changer बन सकती है?
भारत और अमेरिका के बीच जारी यह ट्रेड वार्ता केवल tariff negotiation तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच strategic economic cooperation को एक नई ऊंचाई दे सकती है। Interim Agreement इस दिशा में पहला ठोस कदम साबित हो सकता है, जो डिजिटल व्यापार, विनिर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्र में भारतीय उत्पादों और कंपनियों के लिए नए अवसर खोलेगा।