नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फ़ोन पर वार्ता की और अलास्का में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई हालिया बैठक के परिणाम साझा करने के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के दृढ़ रुख़ को दोहराया। उन्होंने कहा कि मेरे मित्र, राष्ट्रपति पुतिन को उनके फ़ोन कॉल और अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई बैठक की जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद। भारत ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार आह्वान किया है और इस संबंध में सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
भारत ने पुतिन-ट्रंप शिखर सम्मेलन का स्वागत किया
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बताया कि दोनों नेताओं ने भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने भी इस शिखर सम्मेलन का स्वागत करते हुए कहा कि यूक्रेन में शांति लाने के प्रयास में पुतिन और ट्रंप का नेतृत्व सराहनीय है।
यूक्रेन पर भारत का कूटनीतिक रुख
भारत लगातार रूस-यूक्रेन संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के जरिए समाप्त करने का आह्वान करता रहा है। जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री मोदी ने मास्को की यात्रा के दौरान पुतिन से कहा था कि युद्ध के मैदान में संघर्ष का समाधान संभव नहीं है। अगले महीने उन्होंने यूक्रेन की राजधानी कीव का दौरा किया और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कहा कि युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों को बिना विलंब के संवाद करना चाहिए।
अलास्का में ट्रंप-पुतिन बैठक
15 अगस्त को पुतिन और ट्रंप की अलास्का में लगभग ढाई घंटे तक बैठक हुई। बैठक की शुरुआत हाथ मिलाने, मुस्कुराने और राष्ट्रपति की लिमोज़ीन में सवारी से हुई। इसमें ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं को शामिल नहीं किया गया। ट्रंप ने कहा कि बैठक “बहुत अच्छी रही” और उन्होंने फ़ोन पर ज़ेलेंस्की, कई यूरोपीय नेताओं और नाटो महासचिव से भी बातचीत की।
ट्रंप ने सोशल पर लिखा
अलास्का में एक शानदार और बेहद सफल दिन! रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका शांति समझौता है, न कि केवल युद्धविराम।