नई दिल्ली. Pahalgam Terror Attack को लेकर भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए Shanghai Cooperation Organisation (SCO) की संयुक्त विज्ञप्ति (Joint Statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस फैसले के बाद शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ किया कि भारत आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करेगा और जब तक Cross Border Terrorism को लेकर भारत की चिंताओं को बयान में नहीं जोड़ा जाता, तब तक दस्तावेज acceptable नहीं है।
SCO बयान में क्यों नहीं था आतंकवाद का जिक्र?
जयशंकर ने बताया कि SCO operates on consensus, लेकिन जब एक सदस्य देश (इशारा साफ तौर पर Pakistan की ओर था) ने कहा कि वह आतंकवाद से जुड़ा कोई भी उल्लेख नहीं चाहता, तब भारत ने भी साफ कह दिया कि यह बयान उसके लिए स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि SCO का मूल उद्देश्य ही आतंकवाद से लड़ना है, और अगर यही बात उसमें नहीं हो, तो उस दस्तावेज की प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा होता है।
रक्षा मंत्री ने क्यों किया था दस्तावेज पर साइन करने से इनकार?
Rajnath Singh ने SCO सम्मेलन के दौरान Pahalgam Terror Attack 2025 को संयुक्त बयान में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन Pakistani side ने इसके बदले Balochistan में कथित आतंकी गतिविधियों का जिक्र जोड़ने की कोशिश की — जो भारत को दोषी ठहराने की रणनीति थी। भारत ने इस दोहरे रवैये को स्वीकार नहीं किया और Joint Declaration से खुद को अलग कर लिया।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि India stands firm against terrorism और ऐसे किसी भी देश को बख्शा नहीं जाएगा जो आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है या उन्हें आर्थिक सहायता देता है। उन्होंने कहा, “Terror camps are no longer safe, हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।” साथ ही उन्होंने Operation Sindoor का जिक्र करते हुए भारत के जवाबी कदमों को भी रेखांकित किया।
दोहरे मापदंडों पर भारत की तीखी प्रतिक्रिया
भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कुछ देश आतंकवाद को नीति का हिस्सा बना चुके हैं और आतंकवादियों को रणनीतिक सहयोग देते हैं। जयशंकर और राजनाथ दोनों ने इस मानसिकता की आलोचना की और SCO देशों से unified stand लेने की अपील की ताकि आतंकवाद के खिलाफ ठोस और सामूहिक रणनीति बनाई जा सके।