नई दिल्ली. चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र की मुख्य सहायक नदी सियांग का पानी पिछले कुछ हफ़्तों से काला पड़ गया है. नदी में मौजूद मछलियां ही नहीं, बल्कि उसका पानी पीने वाले जानवरों की मौत की भी ख़बरें आई हैं. सियांग के इस क्षेत्र में पीने के पानी का मुख्य स्त्रोत होने के कारन इस नयी आफत से स्थानीय लोग परेशान हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ-
अरुणाचल के जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का मानना है कि पानी के कालेपन का बढ़ना पिछले कुछ हफ़्तों में हुआ है, जिसके चलते नदी का पानी पीने के लिए बिल्कुल अयोग्य हो गया है. इसके कारणों का पता लगाने के लिए पानी के सैंपल को गहन रासायनिक जांच के लिए ईटानगर के ‘उत्तर पूर्व क्षेत्रीय विज्ञान और तकनीक संस्थान’ में भेजा गया है. जांच के नतीजे आने तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल होगा, लेकिन इसके कारणों को लेकर अफवाहों और अटकल बाजियों का दौर जारी है.
चीन की सुरंग या कोई और कारण
कई लोगों का मानना है की चीन ब्रह्मपुत्र के पानी को सुरंग बनाकर टकला मकान क्षेत्र के रेगिस्तान में पहुंचने के प्रयासों में लगा हुआ है और इसी के चलते सियांग का पानी काला पड़ा है. मगर कुछ जानकारों की राय है कि ऐसा होने की सूरत में ब्रह्मपुत्र में नियमित तौर पर बहकर आने वाले पानी की मात्रा में भारी कमी आनी चाहिए. चूंकि ऐसी कोई कमी कुछ दिनों तक नदी के पानी के स्तर में आये बदलाव का अध्ययन करने के बाद ही पकड़ी जा सकती है. इसलिए अभी इस मामले में कुछ कहना संभव नहीं होगा.
वहीं एक सम्भावना यह भी जतायी जा रही है कि नवंबर के महीने में तिब्बत में आये भूकंप के कारण हुई उथल पुथल के चलते ही यह हुआ है.
क्यों खामोश है भारत सरकार?
इस पूरे मसले पर भारत सरकार की चुप्पी पर सबसे ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं. कुछ साल पहले भारत सरकार ने यह दावा किया था कि वह सॅटॅलाइट के ज़रिये चीन के इलाके में ब्रह्मपुत्र के इर्द-गिर्द हो रही सभी गतिविधियों पर नज़र रखती है. ऐसे में, यदि चीन सुरंग बनाकर ब्रह्मपुत्र को सुखाने की साजिश कर रहा है तो इसके लिए किये जा रहे निर्माण कार्य सॅटॅलाइट की पकड़ में न आयें ऐसा नहीं हो सकता. मगर केंद्र सरकार इस पूरे मसले पर चुप्पी साधे हुए है जबकि पानी में हो रहे बदलाव को महीने भर से ज्यादा का समय हो गया है.
वहीं कुछ पर्यावरणविदों का आरोप है कि चीन के निर्माण कार्य का हौव्वा दिखाकर हमारे यहांकी सरकारें ब्रह्मपुत्र पर बड़े बांध बनाने की अपनी योजनाओं को सही ठहराना चाहती हैं. इस माहौल में, सियांग के काले पड़ने का कारण चाहे जो हो, लेकिन जहाँ एक ओर सरकार के आधिकारिक बयान के न आने के चलते अफवाहों और अटकलबाजियों का दौर जारी है, वहीँ नजदीकी इलाकों के लोगों की पेयजल की समस्या भी गहरा रही है.