रांची. जीएसटी को हल्के में लेने वाले 6400 कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है. वाणिज्य कर विभाग ने इन कारोबारियों को नोटिस भेज कर जवाब-तलब किया है. झारखंड सरकार के इस एक्शन से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जीएसटी के तहत दी जा रही रियायतों का हनीमून पीरियड अब खत्म होने लगा है.
व्यवसायियों का रवैया ढीला
राज्यभर में 75 हजार से अधिक कारोबारी ऐसे हैं जिन्हें प्रतिमाह संक्षिप्त विवरणी के तहत 3बी भरना है. इनमें से 6400 से अधिक व्यवसायी ऐसे हैं जिन्होंने जुलाई से अब तक एक भी बार जीएसटीआर 3बी दाखिल नहीं किया है. साफ है कि कुल 8.5 % रजिस्टर्ड कारोबारियों ने अब तक रिटर्न दाखिल करने की जरूरत ही नहीं समझी है. जीएसटी को लेकर जिन व्यवसायियों का रवैया ढीला है, ऐसे कारोबारियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

5 साल तक की कैद का प्रावधान
जीएसटी एक्ट के तहत टैक्स कलेक्टर यदि तीन माह से अधिक रिटर्न दाखिल नहीं करता तो उसे दंडनीय अपराध माना जाएगा. फिलहाल कारोबारियों से 18 % ब्याज और 50 रुपये प्रति दिन की पेनाल्टी वसूली जाएगी. जोकि पहले 200 रुपये प्रति दिन थी. कारोबारियों के रवैये में सुधार नहीं होने पर एसजीएसटी की धारा 132 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जिसमें 6 महीने से लेकर 5 साल तक की कैद की सजा का प्रावधान है.
बढ़ाई गई मियाद
जीएसटीआर 3बी को 20 दिसंबर तक भरना था. डेढ़ करोड़ रुपये से ऊपर का कारोबार करने वाले कारोबारियों को 31 दिसंबर तक जीएसटीआर-1 दाखिल करना है. जुलाई से सितंबर तक का रिटर्न दाखिल करने के लिए कंपोजीशन डीलर को 24 दिसंबर तक का वक्त मिला है. 1.5 करोड़ रुपये से कम का कारोबार करने वाले व्यवसायी को 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न भरना होगा.