मंडी(जोगिंद्रनगर). पिछले 15 वर्षों से अधर में लटकी ऊहल तृतीय चरण योजना कि सुरंग के लाईनिंग का कार्य एकतरफ से समाप्त हो गया है. अगले 10 दिनों में दोनों तरफ का काम पूरा हो सकता है, जिससे योजना के जल्दी शुरू होने की उम्मीद जाग उठी है. परियोजना की लागत 431 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जो बढ़कर 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. इसके बावजूद परियोजना का काम खत्म नहीं हो पाया है.
कंकरिटींग का 1 किलोमीटर का काम बचा
परियोजना को 2002 में पूरा होना था और अब 2018 हो गया है. असल में बार-बार कंपनियों के काम छोड़ के भाग जाने के कारण यह देरी हुई है. व्यास वैली पावप कॉरपोरेशन के एमडी चंद्र शमशेर सिंह चौहान ने परियोजना के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर कंकरिटींग का 1 किलोमीटर का काम बचा हुआ है. जिसे व्यास वैली पावर कॉरपोरेशन द्वारा अगले 10 दिनों में पूरा कर लेने की उम्मीद है. मार्च 2018 तक ये परियोजना बिजली उत्पादन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. परियोजना के बाकी सभी कार्य लगभग पूर्ण किए जा चुके हैं.