जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्थान में पार्टी नेताओं की गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और कर्नाटक में सरकार के गठन के बाद इस पर फैसला लेंगे.
उनका यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज सचिन पायलट ने इस माह के अंत तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में राज्यव्यापी आंदोलन करने चेतावनी दी थी.
पायलट ने गहलोत सरकार के सामने रखीं ये मांगें
पायलट ने कहा कि उनकी मांगों में राजस्थान लोकसेवा आयोग को भंग कर इसका पुनर्गठन करना, पेपर लीक से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्च स्तरीय जांच कराना शामिल है. आरपीएससी के अध्यक्ष और सदस्यों की चयन प्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘यह आम धारणा है कि यहां जुगाड़ काम करता है और नियुक्तियां राजनीतिक होती हैं.’
राजस्थान पर खड़गे की नजर
वहीं पायलट के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर काजी निजामुद्दीन ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, सचिन जी कांग्रेस के मजबूत स्तंभ हैं. जो भी इस समय गतिविधि हो रही है उस पूरी एक्टिविटी पर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की निगाह है और उनके संज्ञान में सारा विषय है.
उन्होंने आगे कहा, ‘जहां कहीं मजबूती हो वहीं तो दावेदारी होती है. अब यहां ऐसी कोई पार्टी जिसका अस्तित्व ना हो उसका कौन दावेदार होगा. जिस पार्टी में दम होता उसी में दावेदारियां होती हैं और दावेदारियां इतनी मजबूत होती हैं जिसका कोई ठिकाना नहीं.’
घरों में यह प्रक्रियाएं सदा चलती रही है
पायलट की विभिन्न मांगों पर उन्होंने कहा, ‘घरों में यह प्रक्रियाएं सदा चलती रही हैं. सदा चलती रहेंगी, प्रदेशों में चलती रही, देशभर में चलती रही, यह एक ‘पॉलिटिक्ल फिनोमिना’ है इसको कहीं भी रोका नहीं जा सकता. ‘पिन प्वाइंट’ कोई चीज होगी तो उस पर सरकार जरूर काम करेगी.’
काजी निजामुद्दीन ने इसके बाद जोर देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मामले का संज्ञान लिया है और केवल खड़गे या उनके द्वारा अधिकृत कोई नेता ही इस मुद्दे पर बोल सकता है. उन्होंने कहा कि यह चुनावी साल है और वे फीडबैक लेंगे कि पार्टी की जीत कैसे सुनिश्चित की जाए.