शिमला. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हरियाणा के पंचकुला व अन्य हिस्सों में 25 अगस्त को हुई घटना पर हरियाणा सरकार को दाषी ठहराया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की खामियों की वजह से 38 लोगों की जान चली गई वहीं सैंकड़ों लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए हैं. हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को नैतिकता के आधार इस्तीफा दे देना चाहिए. कांग्रेस ने ये भी कहा है कि हरियाणा में राज्य सरकार को निलंबित करके राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए.
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आई. एन. मेहता ने कहा कि हरियाणा सरकार 24 अगस्त से पंचकुला व आसपास के इलाकों में अगर लोगों को इकटठा होने से रोकती तो शायद 38 लोगों को अपनी जान नहीं गवानी पड़ती और सैकड़ों लोग घायल नहीं होते.
मेहता आगे कहते हैं कि हरियाण सरकार की लापरवाही की वजह से पड़ोसी राज्यों में भी इसका असर देखने को मिल रहा है और करोड़ो रूपयेे की सरकारी व निजी सम्पति का नुकसान हुआ है. सरकार को पहले ही अंदेशा था कि 25 तारीख को गुरमीत रामरहीम मुकदमें में फैसले आने वाला है. इस वजह से गुरमीत राम रहीम के अनुयायी आदालत का फैसला सुनने के लिए इक्टठा होंगे. इन बातों को जानते हुए भी प्रशासन व पुलिस ने लोगों को नहीं रोका और हरियाणा प्रदेश पुलिस जानबूझ कर मूकदर्शक बनी रही. हरियाणा प्रदेश सरकार पहले भी जाट आन्दोलन के दौरान प्रदेश में विनाश देख चुकी है. खटटर सरकार ने जाट आन्दोलन से भी सबक नही लिया.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने हरियाणा में हुई घटना को गंभीरता से नहीं लिया है. उलटा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पीठ थपथपाते हुए उन्हें हरियाण सरकार का मुख्यमंत्री बरकरार रखा है. केन्द्र सरकार को हरियाणा प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यव्स्था और प्रशासनिक विफलता को मद्देनजर रखते हुए तुरन्त कार्यवाही करके हरियाणा सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए.