ढालपुर में चल रहे अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की चौथी सांस्कृतिक संध्या कॉमेडियन सुरेश अलबेला के नाम रही. सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ कुल्लुवी नाटी के साथ किया गया. कॉमेडियन सुरेश ने मंच पर आते ही लतीफों की बरसात कर दी. एक से बढ़कर एक लतीफों और चुटकुलों पर कलाकेंद्र में बैठे दर्शको की हंसी थमने का नाम ही नही ले रही थी.
वही, चौथी सांस्कृतिक संध्या में ग्रेफ के कमांडर एके अवस्थी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. दशहरा उत्सव कमेटी द्वारा स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया गया.
गुजरात के कलाकारों ने भी लोक नृत्य के माध्यम से अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया.
वहीं मुख्य अतिथि डीएसपी मनाली पुनीत रघु के साथ अन्य लोगों ने उत्सव का मज़ा लिया.
गुजराती कलाकरों ने बांधा समां
नग्गर की अनिता ने तेरा लाइन बुझना आइंदा, कुल्लू रे डालो रंगों रंगों रे गाना गाया. शिमला के प्रवेश ने धारो माथे लागू कुपडी मामा, गिंदुआ री ओ, बैजनाथ के बब्बी मान ने की बनु दुनिया दा सचे बादशाह बल्ले, चमन चौहान ने बोलो बाशो कण्डे रे गाना गाया.
तीसरी सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों सहित अन्य राज्यो से आये कलाकारों ने भी दर्शको का मनोरंजन किया. वही, कुल्लू की लोक कलाकार मंजुला ने कुल्लू री धारा रा नजारा शुनुया, गांव री गोरिये आया पाहुना, वीरता ने छुप गए सारे नजारे ओये क्या बात हो गई गाना गाया.