नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के निहरी क्षेत्र में भूस्खलन के बाद कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य को सुरक्षित बचाया गया। पुलिस अधीक्षक (SP) मंडी साक्षी वर्मा के मुताबिक, पास की चट्टान से मलबा एक घर पर गिर गया, जिससे वह ढह गया। राहत और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान जारी है।
मंडी में भारी बारिश से कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए। धरमपुर बस स्टैंड से सोशल मीडिया पर साझा तस्वीरों में जीवन प्रभावित दिखाई दिया और कई वाहन बह गए।
150 छात्रों वाला एक छात्रावास भी बाढ़ से प्रभावित हुआ
धरमपुर शहर सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां सोन खद नदी अचानक उफान पर आ गई। मध्यरात्रि में बाढ़ का पानी बस स्टैंड में घुस गया, जिससे कई राज्य संचालित बसें डूब गईं और दर्जनों निजी वाहन जैसे कार, बाइक और स्कूटर बह गए। नदी किनारे के घर और दुकानें भी जलमग्न हो गईं, जिससे लोग सुरक्षा के लिए छतों पर चढ़ गए। लगभग 150 छात्रों वाला एक छात्रावास भी बाढ़ से प्रभावित हुआ, लेकिन सभी छात्रों को ऊपरी मंजिलों पर सुरक्षित स्थानांतरित कर दिया गया।
DSP संजीव सूद के नेतृत्व में पुलिस और बचाव दल ने रातभर राहत कार्य किए। पानी का स्तर अब घट रहा है, जबकि प्रशासन और पुलिस प्रभावित क्षेत्रों का मूल्यांकन कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस बार मॉनसून तबाही में अब तक 404 लोगों की जान गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 229 मौतें बारिश संबंधित घटनाओं में और 175 सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं। जिला वार विवरण के मुताबिक, मंडी में 37, कांगड़ा 34, कुल्लू 31, चंबा 28 और शिमला में 23 बारिश से संबंधित मौतें हुई हैं। सड़क दुर्घटनाओं में भी मंडी और सोलन में 24-24, चंबा में 22 और कांगड़ा में 21 मौतें हुईं।
उधर, उत्तराखंड में भी भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर स्थिति की जानकारी ली। केंद्रीय नेतृत्व ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया और मुख्यमंत्री धामी ने प्रशासन की सक्रियता की जानकारी देते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी साझा की।
