हिमाचल प्रदेश के 68 लाख लोगों का स्वास्थ्य मात्र एक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के भरोसे है। वह भी अपनी सेवाएं चम्बा-कांगड़ा इलाके में दे रहे हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के 13 पद हैं। इनमें से 12 पद पर खाली हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी खाद्य वस्तुओं की शुद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करना होता है। हिमाचल प्रदेश में मानसून शुरु होने वाली है। इसके साथ ही बीमारियों की संभावना भी बढ़ जाएगी। चिकित्सकों के मुताबिक अस्वच्छ और मिलावटी खाद्य वस्तुओं के खाने से लोग बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। संजीव कुमार कहते हैं “मिलावटी खाना खाने से लोग उल्टियां, दस्त, बुखार, डायरिया और आंख की बीमारियां को होने का खतरा बढ़ गया है।”
अधिकारियों के आभाव में मिलावट करने वालों की चांदी हो रही है। ऐसे में लोगों को शुद्ध और मिलावट रहित खाद्य पदार्थ मुहैया कराने के सरकार के दावा की पोल खुलती दिख रही है। स्टाफ की कमी से स्वास्थ्य, सुरक्षा और नियमन विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं। विभाग के अभिहित अधिकारी जगदीश धीमान कहते हैं, “खाद्य अधिकारियों की कमी चल रही है जिस कारण खाद्य पदार्थों की सैंंप्लिंग(नमूना) नहीं हो पा रही है। नियमों के मुताबिक खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी ही सैम्पल ले सकते हैं। स्थानिय लोगों के लिए भी यह एक गंभीर मुद्दा है।