नई दिल्ली. मणिपुर (Manipur) में जारी राजनीतिक संकट और law and order की खराब स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने राष्ट्रपति शासन (President Rule) को 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया है। यह विस्तार 13 अगस्त 2025 से लागू होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा राज्यसभा में प्रस्तुत Statutory Resolution को सदन ने मंजूरी दे दी है।
राज्यसभा में क्या कहा गया?
राज्यसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 (Article 356) के तहत 13 फरवरी 2025 को लागू राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त 2025 से आगामी छह महीने तक बढ़ाया जाता है। संसद की मंजूरी के साथ अब मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की दूसरी अवधि औपचारिक रूप से शुरू हो गई है।
Rashtrapati Shasan कितनी बार बढ़ सकता है?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 356(3) यह स्पष्ट करता है कि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन को अधिकतम तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, लेकिन प्रत्येक 6 महीने पर संसद की सहमति आवश्यक होती है। मणिपुर में यह पहला extension है, जो यह दर्शाता है कि राजनीतिक स्थिरता (Political Stability) अभी भी दूर है।
कैसे लगा था मणिपुर में राष्ट्रपति शासन?
9 फरवरी 2025 को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N. Biren Singh) के इस्तीफे के बाद मणिपुर में सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं बन पाई। ऐसे में राज्य में Governor Recommendation के आधार पर 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
Manipur Conflict: क्यों नहीं बन पा रही है सरकार?
मणिपुर पिछले एक साल से Ethnic Violence, Internal Conflict और राजनीतिक अस्थिरता (Political Instability) से जूझ रहा है। हालांकि बीच-बीच में कई राजनीतिक दलों और गठबंधनों ने सरकार गठन की कोशिश की, लेकिन कोई भी बहुमत साबित नहीं कर सका। लगातार तनावपूर्ण हालातों के चलते Center ने Administrative Control अपने पास बनाए रखा है।
Government Action Plan: क्या है आगे की रणनीति?
Home Ministry लगातार मणिपुर की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले हफ्तों में एक All-Party Delegation मणिपुर का दौरा कर सकता है ताकि Ground Report के आधार पर आगे की रणनीति तय की जा सके। जब तक राज्य में लोकतांत्रिक और स्थायी सरकार नहीं बनती, तब तक राष्ट्रपति शासन (President Rule in Manipur) जारी रहेगा।