नई दिल्ली. दिल्ली में हो रहे 2022 के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने सोशल मीडिया को एक बड़े चुनावी हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है. पार्टी प्रतिदिन एक नए एजेंडे के साथ आम आदमी पार्टी पर हमला बोल रही है. विशेष कार्टून बनाकर वह आम आदमी पार्टी की नीतियों और कथित भ्रष्टाचार के मामले उजागर कर रही है और चुनावी एजेंडा तय करने वाला साबित हो रही है.
सोशल मीडिया का अब तक बेहतर इस्तेमाल करती आई आम आदमी पार्टी पार्टी के फेसबुक-ट्विटर हैंडल से पार्टी की नीतियों का प्रचार अवश्य कर रही है, लेकिन वह अब तक कोई बड़ा ट्रेंड सेंटर साबित नहीं हो पाई है. सोशल मीडिया की ताकत का इस्तेमाल करने में कांग्रेस सबसे पीछे है.
खासतौर पर कार्टून बने चर्चा का विषय
दिल्ली सरकार की एक्साइज पॉलिसी पर हमला बोलते हुए भाजपा ने 13 नवंबर को ‘लुटेरा’ कार्टून जारी किया. लुटेरा फिल्म के जैसे पोस्टर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक बाइक से जाते हुए दिखाया और इस फिल्म के प्रोड्यूसर के तौर पर महाठग सुकेश और डायरेक्टर के तौर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम लिखा गया. भाजपा से जारी होते ही यह मीडिया में सुर्खियां बन गया और लोग एक बार फिर शराब घोटाले की चर्चा करने लगे. इसी प्रकार बीजेपी ने आम
आदमी पार्टी की 10 गारंटी पर भी हमला किया और अरविंद केजरीवाल का एक कार्टून छापते हुए उन्हें ‘महाठग’ के रूप में दिखाया. इस प्रकार भाजपा हर रोज एक नए कार्टून के जरिये दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी पर लगातार हमला बोल रही है.
आखिर कौन है पोस्टर वॉर के पीछे ?
दरअसल, नगर निगम चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहजाद पूनावाला को सोशल मीडिया इंचार्ज पद की जिम्मेदारी सौंपी थी. उनके साथ तकनीकी मामलों के जानकार पुनीत अग्रवाल और रोहित उपाध्याय ने पार्टी की सोशल मीडिया में कमान संभाली. सोशल मीडिया में पार्टी की विचारधारा से सहमति रखने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स को जोड़ा गया. उन्हें ‘साइबर योद्धा’ का नाम देकर पार्टी की विषय वस्तु को लोगों के बीच पहुंचाया गया.
कैसे तय हो रहे मुद्दे?
दिल्ली भाजपा की सोशल मीडिया टीम के एक सदस्य बताया कि हमारी रणनीति केवल अरविंद केजरीवाल या दिल्ली सरकार की आलोचना करना ही नहीं है. हम 70 फीसदी फोकस केंद्र सरकार की उन जनहितकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने पर दे रहे हैं, जिसका लाभ दिल्ली या देश के लोगों को मिला है. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, राशन योजना, प्रगति मैदान के आधुनिक निर्माण, भारत वंदना पार्क और दिल्ली के चारों ओर लूप सड़कें बनाकर लोगों को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने जैसे कार्य शामिल हैं.
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पीछे
अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत से ही अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल करते आये हैं. ट्विटर पर कैंपेन चलाकर उन्होंने ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को एक नई ऊंचाई दी थी. 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने सोशल मीडिया को चुनावी हथियार के तौर पर बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया था.
आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया का उछाला कोई मुद्दा अभी तक ट्रेंड नहीं सेट कर पाया. और वह सोशल मीडिया के चुनावी प्रचार युद्ध में पिछड़ती दिखाई पड़ रही है.
मीडिया वॉर में कांग्रेस सबसे पीछे
सोशल मीडिया के वॉर में कांग्रेस सबसे ज्यादा पिछड़ी हुई दिखाई पड़ रही है. पार्टी और इसके नेताओं के ट्विटर-फेसबुक हैंडल से कांग्रेस और राहुल गांधी से जुड़े मुद्दे तो अवश्य उठाये जा रहे हैं, लेकिन नगर निगम चुनावों को लेकर विशेष सक्रियता दिखाई नहीं दे रही है. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार के हैंडल से कुछ मुद्दे जरूर उठाये जा रहे हैं, लेकिन वे अब तक कोई ट्रेंड सेट करने में सफल नहीं हो पाए हैं.