शिमला: हिमाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में ड्रोन के जरिए दवा और जरूरी इंजेक्शन सप्लाई किया जा सकेंगे. इसे लेकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर रहा है. यूनाइटेड पार्सल सर्विस कंपनी की वाइस प्रेजिडेंट क्रिस्टिना स्ट्रूलर द कोस्टा और निदेशक दिनकर सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की.
विश्व की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक कंपनी यूनाइटेड पार्सल सर्विस ने हिमाचल प्रदेश के राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए सहायता प्रदान करने की पेशकश भी की है. दुबई स्थित इस कंपनी ने हिमाचल सरकार को प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में दवाएं और टीके पहुंचाने के लिए ड्रोन तकनीक प्रदान करने की पेशकश की है.
इसके अलावा कंपनी ने सरकार को आवश्यक दवाओं और टीकों की निःशुल्क आपूर्ति की भी बात कही है. जानकारी के मुताबिक, प्रस्ताव तैयार होने के बाद सरकार इस विषय पर विचार करेगी.
दूरदराज इलाके के लोगों को होगा फायदा
बरसात और सर्दियों के महीने में हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में सड़क बंद हो जाती हैं. ऐसे में किसी मरीज के बीमार होने की स्थिति में उसे इलाज पहुंचने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सड़क बंद होने की स्थिति में यदि ड्रोन के जरिए जरूरी दवा और इंजेक्शन की सप्लाई हो, तो इससे लोगों को दूरदराज के इलाके के लोगों को फायदा मिल सकेगा. हिमाचल प्रदेश सरकार पहले से ही ड्रोन तकनीक को मजबूत बनाने पर काम भी कर रही है. जिला कांगड़ा के शाहपुर में ड्रोन महाविद्यालय भी खोला गया है.
ड्रोन से सेब ढुलाई का भी हो चुका है सफल ट्रायल
यहां प्रदेश के युवाओं को ड्रोन ऑपरेट करना भी सिखाया जा रहा है. इसे युवाओं के रोजगार के साथ जोड़ने की कोशिश है. इससे पहले ड्रोन के जरिए सेब ढुलाई का सफल ट्रायल हो चुका है. हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में ड्रोन के जरिए पेटी की ढुलाई की गई है. भविष्य में माल की ढुलाई के साथ अन्य जरूरी कामों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल पहाड़ों में कारगर साबित हो सकता है. इस दिशा में सरकार तेजी से आगे भी बढ़ रही है. ड्रोन से न केवल लोगों का काम आसान होगा, बल्कि