नई दिल्ली. भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए 18 जुलाई को दो प्रमुख nuclear-capable ballistic missiles का सफल परीक्षण किया। Prithvi-2 और Agni-1 मिसाइलों को ओडिशा के चांदीपुर स्थित Integrated Test Range (ITR) से लॉन्च किया गया। Ministry of Defence के अनुसार, ये परीक्षण Strategic Forces Command (SFC) द्वारा किए गए और इनसे जुड़ी सभी operational और technical parameters को पूरी तरह से validate किया गया।
Prithvi-2 Missile: Short Range में सटीक वार
भारत में स्वदेशी रूप से विकसित की गई Prithvi-2 मिसाइल की रेंज लगभग 350 किलोमीटर है। यह 500 किलोग्राम तक का payload ले जाने में सक्षम है, जिसमें conventional और nuclear warheads दोनों शामिल हो सकते हैं। इसका उपयोग battlefield में enemy infrastructure को short-range में target करने के लिए किया जाता है। Prithvi-2 की खासियत इसकी precision strike capability है।
Agni-1 Missile: Medium Range में दुश्मन पर नजर
वहीं, Agni-1 missile की मारक क्षमता लगभग 700 से 900 किलोमीटर है और यह 1,000 किलोग्राम तक के payload को ले जाने में सक्षम है। यह मिसाइल भारत की Agni missile series का हिस्सा है, जिसे देश की strategic deterrence capability का अहम स्तंभ माना जाता है। Agni-1 को mobile launch platforms से दागा जा सकता है, जिससे इसकी deployment flexibility काफी बढ़ जाती है।
लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल परीक्षण: वायु रक्षा में भारत की बड़ी चुनौती
इससे एक दिन पहले, 16 जुलाई को भारत ने लद्दाख में स्वदेशी रूप से विकसित Akash Prime missile का भी सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण ऊंचाई वाले इलाकों में किया गया, जहां Akash Prime ने high-speed aerial targets को सफलतापूर्वक नष्ट किया। Ministry of Defence ने इस परीक्षण को भारत की indigenous air defence systems के प्रदर्शन का प्रमाण बताया। रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने DRDO, Indian Army और private defence industry की टीम को इस बड़ी सफलता के लिए बधाई दी।
आकाश प्राइम को क्या खास बनाता है?
Akash Prime को 4500 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर enemy targets को identify और destroy करने के लिए optimize किया गया है। Ministry के मुताबिक, इसमें कई operational upgrades किए गए हैं ताकि user feedback के आधार पर इसकी efficiency और reliability को और बेहतर बनाया जा सके।
Conclusion: India’s Missile Arsenal और Strategic Readiness में बड़ा इजाफा
एक के बाद एक तीन मिसाइलों का सफल परीक्षण भारत की defence preparedness और deterrence strategy को और मजबूती देता है। Prithvi-2 और Agni-1 जहां भारत की nuclear strike capability को validate करते हैं, वहीं Akash Prime देश की air defence shield को मजबूत करता है।
इन परीक्षणों से ये साफ है कि भारत अब न सिर्फ अपनी missile technology में आत्मनिर्भर हो चुका है, बल्कि global स्तर पर एक मजबूत strategic power के रूप में उभर रहा है।