नई दिल्ली. मुल्क की आज़ादी के लिए 1942 में छेड़े गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि इतिहास की घटनाएं हमारे लिए एक नई प्रेरणा, सामर्थ्य और संकल्प जगाने का अवसर बने इसके लिये हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए.
पीएम ने कहा कि आज़ादी से पहले कई चरण में आंदोलन हुए. लेकिन 1942 की घटना उन सब में सबसे अहम थी. इस आंदोलन में सबने एक होकर आवाज़ उठाई. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में महात्मा गाँधी को पूर्ण आज़ादी से कम कुछ भी मंज़ूर नही था. गाँधी जी ने अपने स्वभाव से विपरीत कहा कि ‘करेंगे या मरेंगे’. गाँधी जी की ओर से निकले ये शब्द देश के लिए अजूबा थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश की एकता को सबसे मज़बूत चीज़ बताया. उन्होंने कहा कि जब हम एक होकर किसी काम को निर्धारित करने में जुट जाते है, तो हम किसी भी संकट से देश को बाहर निकाल सकते हैं. इतिहास हमें यही बताता है.
उन्होंने आगे कहा कि हम इस बात से इंकार नही कर सकते कि आज हमारे बीच में महात्मा गाँधी और बाकी तमाम आंदोलनकारी नही हैं. मगर हमारे लिए सवा सौ करोड़ लोगो के साथ मिलकर उनके द्वारा देखे गए सपनों को पूरा करना मुश्किल काम नही है.
प्रधानमंत्री ने बाकी दलों को भी साथ में मिलकर काम करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि दल से बड़ा देश होता है. राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति होती है. मेरे अपने से ऊपर सवा सौ करोड़ देशवासी होते है. अगर हम मिलकर आगे चले तो सफलतापूर्वक आगे बढ़ सकते हैं. हमारी विचारधारा भले ही अलग-अलग हो पर हम इन मुद्दों पर साथ में काम करे. उन्होंने जीएसटी का उदहारण देते हुई सबकी तारीफ़ की और कहा ये किसी एक पार्टी की सफ़लता नही बल्कि सभी का देश के लिए योगदान है.
पीएम मोदी ने महात्मा गाँधी के द्वारा दिए गए नारे को वर्तमान संदर्भ से जोड़ा. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने नारा दिया था कि करेंगे या मरेंगे और आज हम कहते हैं कि हम सब मिलकर देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे और करके रहेंगे. हम मिलकर गरीबों को उनका अधिकार दिलाएंगे और दिलाकर रहेंगे. हम मिलकर नौजवानों को स्वरोज़गार का अवसर प्रदान करेंगे और करके रहेंगे.
उन्होंने ज़रा ज़रा सी बात पर लोगों के हिंसक हो जाने का भी ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अगर मरीज़ को बचा नहीं पाता है या रोड पर दुर्घटना हो जाती है तो लोग हिंसक हो जाते हैं. हमें ज़रा भी एहसास नहीं होता कि हम कानून तोड़ रहे है. इसके अलावा उन्होंने शौचालय और स्वच्छता की भी बात की.
पीएम ने आज़ादी में महिलाओं का भी अहम योगदान बताया. उन्होंने कहा आज भी हमें ठीक उसी तरह माताओं और बहनों को इसी की ओर आगे बढ़ाना है. इसके अलावा उन्होंने भ्रष्टाचार को किसी एक पार्टी की चुनौती न मानकर पूरे देश की चुनौती बताई और उसपर साथ मिलकर काम करने की बात कही.
सोनिया गाँधी ने बिना नाम लिये RSS पर साधा निशाना
सोनिया गाँधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर दिए भाषण में बिना नाम लिए संघ पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जिन्होंने इस आंदोलन का विरोध किया था, उनका आजादी में कोई योगदान नही.
उन्होंने कहा कि “मुझे लगता है कि देशवासियों के मन में कई आशंकाएं हैं कि अंधकार की शक्तियां फिर फैल रही हैं. जहां आजादी का माहौल था, वहां भय फैल रहा है. कई बार कानून के राज पर भी गैरकानूनी शक्तियां हावी दिखाई देती हैं.”
इसके अलावा उन्होंने आंदोलन की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी के त्याग और बलिदान को भी याद किया. उन्होंने कहा कि ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ एक याद है, जो हमें एक प्रेरणा देती है कि अगर हमें आजादी को सुरक्षित रखना है, तो हरेक दमनकारी शक्ति के खिलाफ संघर्ष करना होगा, फिर चाहे वह कितनी भी सक्षम क्यों न हो. हमें उस भारत के लिए लड़ना है, जिस भारत में हम विश्वास रखते हैं.
उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा कि आज हम उन्हें याद कर रहे है जो आज़ादी की लड़ाई में सबसे आगे थे. लेकिन इन सबके इतर कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध भी किया.