धर्मशाला. केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रविवार को शुरू हुए सभी राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि बजट सत्र से पहले देशभर में राष्ट्रीय पर्यटन नीति लागू होगी. इस नीति के तहत ‘विकास भी और विरासत भी’ की तर्ज पर देश में पर्यटन क्षेत्रों का विकास किया जाएगा.
जी-20 शिखर सम्मेलन से दुनिया भारत की पर्यटन क्षमताओं को जानेगी
रेड्डी ने कहा कि इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन से दुनिया भारत की पर्यटन क्षमताओं को जानेगी. दुनिया के 20 प्रमुख विकसित और विकासशील देशों के राष्ट्राध्यक्षों के जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस वर्ष भारत कर रहा है. खास बात यह कि इस सम्मेलन की बैठकें देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में होंगी. इससे दुनिया भारत की पर्यटन क्षमताओं से रूबरू होगी. पर्यटन मंत्री ने कहा कि आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम की अवधि को मार्च 2023 तक बढ़ाया गया है. इससे पर्यटन विकास के लिए देश में 50,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पहले पांच लाख पर्यटकों को मिलेगा नि:शुल्क वीजा
विदेशी पर्यटकों को भारत में आमंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. इसके लिए देश में आने वाले पहले पांच लाख पर्यटकों को नि:शुल्क वीजा मिलेगा. ई-वीजा सेवा शुरू करने से उन्हें दूतावास के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. पर्यटन विकास में निजी क्षेत्र का उल्लेखनीय योगदान रहा है. ऐसे में पर्यटन को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर विकसित किया जाएगा.
पर्यटन विकास के लिए बनेगा अंबेडकर सर्किट
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में पर्यटन विकास के लिए रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट के बाद अब आंबेडकर सर्किट भी विकसित होगा. इस सर्किट में डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों को आपस में जोड़ते हुए अंबेडकर सर्किट विकसित किया जाएगा.
गांवों के रूप में भारत के पास एक विशाल पर्यटन संपदा मौजूद
महिंद्रा समूह के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा ने राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि गांवों के रूप में भारत के पास एक विशाल पर्यटन संपदा मौजूद है. गांवों को यदि सुनियोजित ढंग से विकसित किया जाए, तो इससे प्रदेश में पर्यटन विकास की नई राहें खुलेंगी.
आंनद महिंद्रा ने कहा कि पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने में विदेशी पर्यटकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. देश में सुरक्षा को माहौल तैयार करने के साथ-साथ यदि ढांचागत सुविधाओं को सुदृढ़ कर लिया जाए, तो इससे पर्यटन कारोबार को तेज रफ्तार मिलेगी. इसके लिए नई राष्ट्रीय पर्यटन नीति में आवश्यक प्रावधान होने चाहिए.