शिमला. हिमाचल प्रदेश की जेलों में बंद कैदी अब निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग और डॉक्टरों से परामर्श जैसी सात सुविधाओं का फायदा ले सकेंगे. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने शिमला के नजदीक आदर्श केंद्रीय कारागार कंडा में हिमाचल प्रदेश कारागार एवं सुधारात्मक सेवाएं विभाग की सात नई योजनाओं का शुभारंभ किया.
इन सात योजनाओं में ध्यान कार्यक्रम, टेलीमेडिसिन परियोजना, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, अपशिष्ट प्रबंधन, निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग, ऑडियो लाइब्रेरी और कविता संग्रह का विमोचन शामिल है.
इसके अलावा अब स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से ई- संजीवनी की ओर से जेलों में टेलीमेडिसिन कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया. इस कार्यक्रम में बंदियों को विभिन्न बीमारियों से बचने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक ऑनलाइन परामर्श देंगे. राज्यपाल ने कहा कि उनके लिए यह भावुक क्षण है कि वह बंदियों के बीच आकर उनके कौशल को देख पाए.
स्माइल फाउंडेशन (Smile Foundation) के सहयोग से शुरू की निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग
उन्होंने स्माइल फाउंडेशन के सहयोग से बंदियों के बच्चों के लिए निशुल्क ऑनलाइन कोचिंग का शुभारम्भ किया. विभिन्न कारणों से किताबें न पढ़ सकने वाले बंदियों के लिए एक ऑडियो लाइब्रेरी भी शुरू की गयी. इसके उपरांत, राज्यपाल के कंडा कारागृह में पौधारोपण भी किया. उन्होंने बंदियों द्ववारा निर्मित किये जाने वाले विभिन्न उत्पादों की इकाइयों का निरिक्षण किया.
ई- संजीवनी के माध्यम से काराग्रहों में शुरू किया टेलीमेडिसिन कार्यक्रम
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ई-संजीवनी के माध्यम से काराग्रहों में टेलीमेडिसिन कार्यक्रम (Tele Medicine Program) भी शुरू किया. इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सक बंदियों को ऑनलाइन परामर्श देंगे. उन्होंने RBI के सहयोग से बंदियों के लिए एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम भी शुरू किया.
वेस्ट वारियर्स सोसाइटी धर्मशाला के सहयोग से कारागार विभाग ने अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वेस्ट अंडर अरेस्ट प्रोग्राम के तहत धर्मशाला में एक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई भी स्थापित की है. प्रदेश के अन्य सभी काराग्रहों में भी ऐसी इकाइयां संचालित की जाएंगी. इन इकाइयों में द्विआयामीय रणनीति होगी. बंदियों को कचरे का प्रथीकरण करना सिखाया जायगा और अन्य को अपशिष्ट उपसाइक्लिंग तकनीक जैसे कि हरे कचरे से वर्मीकम्पोस्टिंग और टेट्रा पैक से बोर्ड बनाना सिखाया जायगा. राज्यपाल ने इस सोसाइटी के सहयोग से कारागार में कचरा प्रबन्धन प्रणाली की शुरुआत भी की.
पुलिस महानिदेशक कारागार एवं सुधार सेवाएं सतवंत अटवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके प्रयासों से कारागार सुधार गृह में परिवर्तित हुआ है. उन्होंने कहा कि बंदियों के लिए भविष्य की नई उम्मीदें राह देख रही हैं. राज्यपाल बंदियों की ओर से प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम देखकर प्रभावित हुए. इससे पूर्व राज्यपाल ने ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन (भावातीत ध्यान) कार्यक्रम एवं प्रशिक्षण का शुभारंभ किया, जिसे ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन संस्था कार्यान्वित करेगी.