नई दिल्ली: केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष संसद में लगातार अडानी से जुड़े मुद्दों को उठा रहा है. दिल्ली में अडानी मुद्दे पर ज्ञापन सौंपने के लिए विपक्षी सांसदों ने संसद से ईडी कार्यालय तक मार्च शुरू कर दिया. एनसीपी और टीएमसी संसद से दिल्ली में ईडी कार्यालय तक विपक्षी सांसदों के विरोध मार्च में भाग नहीं ले रहे हैं.
तानाशाही की सरकार है बीजेपी
विपक्ष ने ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला जिसे विजय चौक पर ही धारा 144 का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने रोक दिया. इसका विरोध करते हुए तमाम विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की ये सरकार तानाशाही की सरकार है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. 200 लोगों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से 2000 पुलिस कर्मीयों को भेजा गया. विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है.
पीएम मोदी और अडानी के बीच क्या संबंध है?
आगे उन्होंने कहा की संपत्ति खरीदने के लिए सरकार एक आदमी को पैसा दे रही है. पीएम किसी ऐसे व्यक्ति को प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसके पास पहले कम संपत्ति थी लेकिन अब 13 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति हो गई है. यह कैसे हुआ? कौन जिम्मेदार है? पैसा कौन दे रहा है? पूछताछ होनी चाहिए. पीएम मोदी और अडानी के बीच क्या संबंध है?
साथ ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 17-18 राजनीतिक दलों के हम सभी सांसद यहां हैं और हम जानना चाहते हैं कि अडानी ने 2.5 साल के भीतर लाखों और करोड़ रुपये कैसे कमाए. उन्होंने हमें यहां रोका है. हम 200 हैं और यहां 2000 पुलिसकर्मी हैं, इसलिए वे हमारी आवाज दबाना चाहते हैं.
संजय राउत बोले मार्च जरूरी
उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि ये मार्च जरूरी है,ये ईडी कार्यालय की तरफ हमारा प्रतिनिधित्व होगा. जिस तरह से देश में BJP की सरकार अपने राज्य के विरोधियों को टारगेट कर रही हैं जैसे कि सत्ताधारी लोग दूध के धुले हैं. हमारे जैसे लोग जो उनसे सवाल करते हैं उन्हें वो टारगेट करते हैं.

जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष
कांग्रेस समेत विपक्षी दल अडानी मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रहे हैं. वहीं सत्ता पक्ष लंदन में दिए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहा है. जिसके चलते संसद नहीं चल पा रही है. कांग्रेस अडानी मामले पर सक्रिय होकर विरोध कर रही है. इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटी है और देशभर में प्रदर्शन कर रही है. विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस कमेटी अडानी मामले पर विरोध मार्च निकाल रही हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी सदन में लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
टीएमसी ने पीएम मोदी से मांगा जवाब
तृणमूल कांग्रेस ने अलग से एलपीजी मूल्य वृद्धि को लेकर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया और सरकार से जवाब मांगा. टीएमसी सांसदों ने एलपीजी कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें जवाब दें.