नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की रंगीन शाम में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन किया. इस उद्घाटन के पहले राजपथ से बदलकर बने कर्तव्य पथ का उद्घाटन और उससे भी पहले 28 फीट ऊंची नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया. पीएम मोदी के पूरे भाषण में नेताजी छाए रहे.
9 से 11 सितंबर तक चलेगा ड्रोन शो
9 सितंबर यानी शुक्रवार से सेंट्रल विस्टा एवेन्यू आम जनमानस के लिए खोल दिया जाएगा. वहीं इसके अलावा 9 से लेकर 11 सितंबर तक ड्रोन शो का भी आयोजन किया जाएगा. यह ड्रोन शो अपने-आप में काफी खास होगा. इस शो में नेताजी से जुड़ी चीजें दिखाई जाएंगी.
हमारे फैसलों पर नेताजी के आदर्शों की छाप है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों में हमने एक के बाद एक ऐसे कितने ही निर्णय लिए हैं, जिन पर नेता जी के आदर्शों और सपनों की छाप है. नेताजी सुभाष, अखंड भारत के पहले प्रधान थे जिन्होंने 1947 से भी पहले अंडमान को आजाद कराकर तिरंगा फहराया था. उस वक्त उन्होंने कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी. इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा के उद्घाटन समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने राजपथ का नाम कर्तव्य पथ करने पर कहा कि आज से राजपथ इतिहास हो गया है. गुलामी की एक और पहचान को मुक्ति मिलने पर बधाई.
पीएम मोदी ने नेताजी की प्रतिमा का अनावरण कर कहा कि नेताजी कहा करते थे कि भारत वह भारत नहीं जो अपना गौरवशाली इतिहास भुला दे.
‘कर्तव्य पथ‘ का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन किया है. इससे पहले इसे राजपथ के नाम से जाना जाता था. दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने फैसला किया था कि राजपथ का नाम कर्तव्य पथ होगा. इसके बाद 7 सितंबर को NDMC की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई. आपको बता दें कि ब्रिटिश काल में इसे किंग्सवे कहा जाता था.
आजाद हिंद फौज की धुन से हुआ नेताजी की प्रतिमा का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण कर दिया है. प्रतिमा का अनावरण आजाद हिंद फौज के पारंपरिक गीत ‘कदम, कदम बढ़ाए जा’ की धुन के साथ किया गया.
एक भारत-श्रेष्ठ भारत और अनेकता में एकता की भावना को प्रदर्शित करने के लिए देश के कोने-कोने से आए 500 नर्तकों की ओर से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. करीब 26,000 घंटे के अथक कलात्मक प्रयासों से अखंड ग्रेनाइट को तराश कर 65 मीट्रिक टन वजन की इस प्रतिमा को तैयार किया गया है.
काले रंग के ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित 28 फुट ऊंची यह प्रतिमा इंडिया गेट के समीप एक छतरी के नीचे स्थापित की गई है. नेताजी की इस प्रतिमा को पारंपरिक तकनीकों और आधुनिक औजारों का उपयोग कर पूरी तरह हाथों से बनाया गया है. अरुण योगीराज के नेतृत्व में मूर्तिकारों के एक दल ने यह प्रतिमा तैयार की है. यह प्रतिमा भारत की विशालतम, सजीव, अखंड पत्थर पर हस्त निर्मित प्रतिमाओं में से एक है. ग्रेनाइट के इस अखंड पत्थर को तेलंगाना के खम्मम से 1,665 किलोमीटर दूर नयी दिल्ली तक लाने के लिए 100 फुट लंबा 140 पहियों वाला एक ट्रक विशेष तौर पर तैयार किया गया था.