नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीतिक और सैन्य रणनीति को लेकर बड़ा राजनीतिक मंथन होने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई को NDA शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। यह बैठक न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से अहम मानी जा रही है, बल्कि इसमें पाकिस्तान को कड़ा संदेश भी देने की रणनीति पर चर्चा होगी।
ऑपरेशन सिंदूर पर मिलेगी विस्तृत जानकारी
बैठक में पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी शिविरों पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई की जानकारी नेताओं को दी जाएगी। यह कदम उन सभी को ब्रीफ करने के लिए उठाया जा रहा है जो सरकार की आतंकवाद विरोधी नीति के रणनीतिक हिस्सेदार हैं।
पीएम मोदी का सख्त संदेश और नायडू का समर्थन
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को पाक प्रायोजित आतंकवादियों के लिए कड़ी चेतावनी” बताया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखाकि शांति ताकत से सुरक्षित होती है। पीएम मोदी का भाषण दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस का स्पष्ट संकेत है।
तिरंगा यात्रा बनी राष्ट्रवाद का प्रतीक
भाजपा ने 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर को जनता तक पहुंचाने के लिए 14 मई से एक राष्ट्रव्यापी तिरंगा यात्रा शुरू की है, जो 23 मई तक चलेगी। इसमें पूर्व सैनिक, सामाजिक कार्यकर्ता, और प्रमुख हस्तियां भाग ले रही हैं। यात्रा का उद्देश्य सैनिकों के बलिदान को सम्मान देना और जनता को भारत की सुरक्षा नीति से अवगत कराना है।
दिल्ली में इस यात्रा में भाजपा महासचिव तरुण चुघ, दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा, और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।
भाजपा की रणनीति: राष्ट्रवाद को जन आंदोलन में बदलना
भाजपा इस तिरंगा यात्रा को सिर्फ पार्टी कार्यक्रम नहीं, बल्कि “जन आंदोलन” में बदलने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके तहत सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स, प्रेस कॉन्फ्रेंस, और डिजिटल कैंपेन के ज़रिए युवाओं और आम नागरिकों तक इस संदेश को पहुँचाया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकियों पर सबसे बड़ा वार
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया और पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर जवाबी कार्रवाई की गई।
यह ऑपरेशन भारत की सैन्य क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचायक बन चुका है।
25 मई को पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी नीति को लेकर एक निर्णायक क्षण हो सकती है। साथ ही, तिरंगा यात्रा के माध्यम से भाजपा राष्ट्रवाद को नई ऊंचाई तक ले जाने की कोशिश कर रही है।