नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। पहलगाम आतंकी हमलों के मद्देनजर हुई इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल हुए: थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह।
सशस्त्र बलों को ऑपरेशनल फैसले लेने की पूरी छूट
सूत्रों ने बताया कि डेढ़ घंटे की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों को ऑपरेशनल फैसले लेने की पूरी छूट दी। उन्होंने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का कड़ा जवाब देना उनका दृढ़ संकल्प है और उन्होंने भारतीय सेना की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा भरोसा जताया।
सूत्रों ने आगे बताया कि पीएम मोदी ने इस खतरे का जवाब देने में सेना की क्षमता पर भरोसा जताया और उन्हें जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय पर फैसला लेने की पूरी ऑपरेशनल आजादी दी। यह बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की अटकलों के बीच हो रही है, जबकि नई दिल्ली पहलगाम हमले के बाद अपने जवाबी उपायों पर विचार कर रही है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
आतंकवादियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी : मोदी
मोदी ने हमले के पीछे के आतंकवादियों और उनके संरक्षकों का पता लगाने की कसम खाई है, जो स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की ओर इशारा करता है, जिसका भारत में आतंकवादी हमलों को प्रायोजित करने का इतिहास रहा है, और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
इससे पहले दिन में गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के महानिदेशकों सहित कई अधिकारियों ने भाग लिया।
30 अप्रैल को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक
पीएम मोदी ने बुधवार को सुबह 11 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद यह पहली बार बैठक होगी। पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई थी और केवल सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने 23 अप्रैल को बैठक की थी और आतंकवादी हमले की निंदा की थी।