नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Navi Mumbai International Airport) के फेज-1 का उद्घाटन किया। यह एयरपोर्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत अदाणी एयरपोर्ट्स (Adani Airports) और CIDCO द्वारा 19,650 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसकी वार्षिक क्षमता लगभग 9 करोड़ यात्रियों और 3.25 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो संभालने की है।
मुंबई महानगरीय क्षेत्र (MMR) के लिए यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जिसका उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CSMIA) पर यात्रियों की भीड़ को कम करना और मुंबई को एक मल्टी-एयरपोर्ट सिस्टम के जरिए वैश्विक शहरों की श्रेणी में और ऊंचा उठाना है।
यह नया एयरपोर्ट 1,160 हेक्टेयर में फैला हुआ है और इसके बनने से भारत की एविएशन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे मुंबई के मौजूदा हवाई अड्डे पर यातायात का बोझ भी काफी हद तक कम होगा।
औपचारिक उद्घाटन से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने नवनिर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का वॉकथ्रू (walkthrough) किया और इसकी आधुनिक सुविधाओं का जायजा लिया।
मुंबई मेट्रो लाइन-3 का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई मेट्रो लाइन-3 (Mumbai Metro Line-3) के फेज 2B का भी उद्घाटन किया, जो आचार्य अत्रे चौक (Acharya Atre Chowk) से कफ परेड (Cuffe Parade) तक फैला हुआ है। इस प्रोजेक्ट की लागत 12,200 करोड़ रुपये बताई गई है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने 37,270 करोड़ रुपये की पूरी मुंबई मेट्रो लाइन-3 (Aqua Line) को राष्ट्र को समर्पित किया। यह परियोजना मुंबई के शहरी परिवहन ढांचे में एक बड़ा बदलाव लाने वाली साबित होगी।
मुंबई वन ऐप (Mumbai One App) लॉन्च
पीएम मोदी ने इस अवसर पर Mumbai One App भी लॉन्च किया। यह ऐप यात्रियों को कई सुविधाएं प्रदान करेगा, जिनमें इंटीग्रेटेड मोबाइल टिकटिंग सिस्टम शामिल है, जिसके जरिए मेट्रो, बस और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के टिकट एक ही प्लेटफॉर्म से खरीदे जा सकेंगे।
स्किल डेवलपमेंट के लिए नई पहल – STEP प्रोग्राम
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के स्किल, एम्प्लॉयमेंट, एंटरप्रेन्योरशिप एंड इनोवेशन डिपार्टमेंट के शॉर्ट-टर्म एम्प्लॉयबिलिटी प्रोग्राम (STEP) की भी शुरुआत की।
यह कार्यक्रम राज्य के 400 सरकारी आईटीआई (Government ITIs) और 150 गवर्नमेंट टेक्निकल हाई स्कूलों में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य युवाओं को उद्योग की जरूरतों के हिसाब से प्रशिक्षण देना और उनकी रोजगार क्षमता (employability) बढ़ाना है।