नई दिल्ली: भारत में 4G और 5G नेटवर्क पैर पसार ही रहा है कि PM मोदी ने 6G नेटवर्क का रोडमैप लॉन्च कर दिया है. 2030 तक भारत में 6G सर्विस शुरू होने की उम्मीद है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि 6G आने के बाद 1000 GB का वीडियो भी महज 1 सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगा.
जानिए 6G, 5G और 4G से कितना तेज है
एक्सपर्ट्स का मानना है कि 6G की इंटरनेट स्पीड 5G से 100 गुना ज्यादा हो सकती है. यानी करीब 100 गीगाबाइट प्रति सेकेंड. इसे ऐसे समझें कि 6G आ जाने से नेटफ्लिक्स से 142 घंटे का कंटेंट सिर्फ 1 सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा.
जहां 5G अपने पीक पर हर सेकेंड 10 गीगाबाइट तक की स्पीड दे सकता है, वहीं 6G से उम्मीद है कि वो हर सेकेंड अल्ट्रा लो लेटेंसी के साथ 1 टेरा बाइट तक की स्पीड दे पाएगा. अल्ट्रा लो लेटेंसी का मतलब है कि कम से कम समय में ज्यादा डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता. इसका सीधा असर हमारे इंटरनेट इस्तेमाल करने पर पड़ेगा. ऑनलाइन मीटिंग्स से लेकर गेमिंग तक सब 6G के आने से और सटीक हो पाएंगे यानी आप रियल टाइम में सब कुछ देख और सुन पाएंगे.
भारत ने 6G विजन डॉक्यूमेंट अभी लॉन्च किया है, लेकिन दुनिया के कुछ देश ऑलरेडी इस पर काम शुरू कर चुके हैं.
6G टेक्नोलॉजी के कुछ संभावित खतरे भी हैं
6G से कार्बन फुटप्रिंट कई गुना तक बढ़ने की चुनौती है. ज्यादातर 6G डिवाइसेस बैटरियों से चलेंगे, इसके चलते इसे सस्टेनेबल बनाना एक चुनौती होगा.
6G की स्पीड भले ही ज्यादा हो लेकिन दूर दराज के गांवों तक पहुंचने में यहां भी दिक्कतें आएंगी. इसके साथ ही हर जगह इसे लगाने की कीमत भी ज्यादा होगी.