नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के नांद्याल ज़िले में स्थित श्री भ्रामरांबा मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर (Sri Bhramaramba Mallikarjuna Swamy Varla Devasthanam) में पूजा-अर्चना की और दर्शन किए। यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों और 52 शक्तिपीठों में से एक है — विशेष रूप से इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि यहां एक ही परिसर में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग और देवी भ्रामरांबा का शक्तिपीठ स्थित है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी उपस्थित रहे।
भगवान मल्लिकार्जुन मंदिर का आध्यात्मिक महत्व
श्रीशैलम का यह मंदिर देश के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। इसका ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व इस तथ्य से जुड़ा है कि यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां भगवान शिव और देवी पार्वती के रूप में ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ दोनों का एक साथ वास है।
नायडू ने पीएम मोदी का किया स्वागत
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“आंध्र प्रदेश की जनता की ओर से मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हमारे राज्य में हार्दिक स्वागत करता हूं।”
यह दौरा नायडू के सत्ता में लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का पहला प्रमुख दौरा है। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में एक साथ भाग लिया, जो राज्य के विकास के लिए नई साझेदारी का संकेत देता है।
शिवाजी स्मारक केंद्र का दौरा
अपने श्रीशैलम प्रवास के दौरान पीएम मोदी ने श्री शिवाजी स्पूर्ति केंद्र (Sree Shivaji Spoorthi Kendra) का भी दौरा किया। यह स्मारक मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 1677 में श्रीशैलम मंदिर यात्रा की स्मृति में बनाया गया है।
इस परिसर में ध्यान मंदिर (Dhyana Mandir) के चारों ओर प्रतापगढ़, राजगढ़, रायगढ़ और शिवनेरी किलों के मॉडल बने हैं, जबकि केंद्र में शिवाजी महाराज की ध्यानमग्न मुद्रा में मूर्ति स्थापित है। यह स्मारक श्री शिवाजी मेमोरियल कमेटी द्वारा संचालित किया जाता है।
₹13,430 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीशैलम में कुल ₹13,430 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पण किया।
इन परियोजनाओं में उद्योग, पावर ट्रांसमिशन, रेलवे, सड़क, रक्षा निर्माण, और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र शामिल हैं।
इन पहलों का उद्देश्य आंध्र प्रदेश के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना और क्षेत्रीय विकास को गति देना है। यह केंद्र सरकार के ‘समग्र विकास अभियान’ (Inclusive Growth Vision) का हिस्सा है।
विकसित भारत 2047 और AI हब में निवेश
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता ही देश की असली ताकत है। उन्होंने 2047 तक “विकसित भारत” का लक्ष्य दोहराते हुए आंध्र प्रदेश को टेक्नोलॉजी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
मोदी ने बताया कि Google आंध्र प्रदेश में भारत का पहला Artificial Intelligence Hub स्थापित करेगा। इस AI हब में अत्याधुनिक डेटा सेंटर्स, ऊर्जा संरचना और फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क विकसित किए जाएंगे।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने विशाखापट्टनम में एक अंतरराष्ट्रीय Subsea Gateway Project की भी घोषणा की, जिससे यह शहर वैश्विक AI और डिजिटल कनेक्टिविटी हब के रूप में उभरेगा।
मोदी ने इस दौरान मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की दूरदर्शी नीतियों और विकासोन्मुख दृष्टिकोण की सराहना की।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी का यह दौरा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इससे आंध्र प्रदेश के आर्थिक और तकनीकी विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
